पंजाब ने पर्यावरण स्थिरता में एक नया मानक स्थापित करते हुए ‘ग्रीन स्कूल प्रोग्राम’ के तहत एक बार फिर प्रतिष्ठित ‘बेस्ट स्टेट’ और ‘बेस्ट डिस्ट्रिक्ट’ पुरस्कार प्राप्त किया है। यह सम्मान पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पी.एस.सी.एस.टी.) और पंजाब के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए दिया गया है। यह पुरस्कार 4 फरवरी को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित ‘ग्रीन स्कूल अवार्ड समारोह’ के दौरान सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सी.एस.ई.) द्वारा प्रदान किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण में पंजाब की बड़ी उपलब्धि
यह पुरस्कार पंजाब द्वारा स्कूल समुदायों में पर्यावरण जागरूकता और स्थिरता को प्रोत्साहित करने के अनुकरणीय प्रयासों का प्रमाण है। इस उपलब्धि से पंजाब की भूमिका इस राष्ट्रव्यापी पहल में और अधिक मजबूत होगी, जिससे राज्य का योगदान पर्यावरण संरक्षण में एक मिसाल बनेगा।
क्या है ग्रीन स्कूल प्रोग्राम?
ग्रीन स्कूल प्रोग्राम एक राष्ट्रीय स्तर की पहल है, जिसे सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सी.एस.ई.) द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य स्कूलों को पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता का आदर्श बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों का विस्तृत पर्यावरण ऑडिट किया जाता है, जिसमें छह मुख्य क्षेत्रों में संसाधनों के प्रभावी उपयोग का मूल्यांकन किया जाता है:
- वायु (Air) – पर्यावरणीय वायु गुणवत्ता और प्रदूषण नियंत्रण।
- ऊर्जा (Energy) – नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और ऊर्जा बचत।
- भोजन (Food) – पोषण और स्थायी कृषि को बढ़ावा।
- भूमि (Land) – जैव विविधता संरक्षण और हरित क्षेत्रों का विकास।
- पानी (Water) – जल संरक्षण और कुशल जल प्रबंधन।
- अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management) – कचरे को पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया।
कैसे फायदेमंद है यह कार्यक्रम?
यह प्रोग्राम स्कूलों को पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने, संसाधनों का कुशल प्रबंधन करने और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे न केवल छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को भी एक स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में प्रेरित करता है।
पंजाब का ‘ग्रीन स्कूल प्रोग्राम’ में ‘बेस्ट स्टेट’ और ‘बेस्ट डिस्ट्रिक्ट’ अवार्ड प्राप्त करना राज्य के पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और सतत प्रयासों को दर्शाता है। इस पहल से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी और पूरे देश में पर्यावरणीय स्थिरता और जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।