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भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मुकाबले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर भारतीय टीम द्वारा किए गए कन्कशन सब्सटीट्यूट बदलाव से नाखुश दिखे। पुणे में खेले गए इस मैच के दौरान भारतीय ऑलराउंडर शिवम दुबे को हेलमेट पर गेंद लगने के बाद मैदान से बाहर जाना पड़ा। उनकी जगह टीम इंडिया ने हर्षित राणा को बतौर कन्कशन सब्सटीट्यूट मैदान में उतारा। इस फैसले पर बटलर और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए।
बटलर ने क्या कहा?
मैच के बाद जोस बटलर ने नाराजगी जताते हुए कहा,
“यह एक जैसा सब्सटीट्यूट (Like-for-Like Replacement) नहीं है। या तो शिवम दुबे ने गेंदबाजी में 25 मील प्रति घंटे की गति बढ़ा ली है, या फिर हर्षित राणा ने अपनी बल्लेबाजी में गजब सुधार किया है। हम इस फैसले से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं।”
बटलर ने आगे कहा कि इस फैसले से पहले इंग्लैंड टीम से कोई सलाह नहीं ली गई। उन्होंने कहा,
“जब मैं बल्लेबाजी करने आया तो मुझे समझ नहीं आया कि हर्षित को किसकी जगह पर लाया गया है। जब हमें बताया गया कि वह कन्कशन रिप्लेसमेंट है, तो मैं इससे बिल्कुल सहमत नहीं था। यह निर्णय मैच रेफरी ने लिया, लेकिन हम इस बारे में अधिक स्पष्टता के लिए जवागल श्रीनाथ (मैच रेफरी) से बात करेंगे।”
कैसे हुआ विवाद?
इस मुकाबले में भारत की पारी के दौरान शिवम दुबे ने 57 रन बनाए और हार्दिक पंड्या के साथ 87 रनों की साझेदारी की। लेकिन आखिरी गेंद पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जैमी ओवरटन की 141.5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली गेंद उनके हेलमेट पर लगी। इसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा।
इसके बाद भारतीय टीम ने हर्षित राणा को रिप्लेसमेंट के तौर पर उतारा, जो एक तेज गेंदबाज हैं, जबकि शिवम दुबे एक मध्यम गति के ऑलराउंडर हैं। इंग्लैंड की टीम का तर्क था कि अगर भारत को एक समान विकल्प चुनना था, तो रमनदीप सिंह बेहतर होते, क्योंकि वे भी एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर हैं।
इंग्लैंड के दिग्गजों ने भी उठाए सवाल
मैच के दौरान इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर केविन पीटरसन और निक नाइट ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई।
पीटरसन ने कहा,
“हर्षित राणा, शिवम दुबे के लिए सही विकल्प नहीं हैं। यह कोई भी बता सकता है कि दोनों खिलाड़ियों की भूमिकाएं अलग हैं।”
निक नाइट ने भी इस फैसले को लेकर असहमति जताई और इसे नियमों के दायरे से बाहर बताया।
टीम इंडिया ने क्या कहा?
भारत के सहायक कोच मोर्ने मोर्केल ने इस फैसले को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा,
“शिवम दुबे को पारी के ब्रेक के दौरान हल्का सिरदर्द महसूस हुआ, जिसके बाद हमने मैच रेफरी को कन्कशन सब्सटीट्यूट के लिए नाम भेजा। हर्षित राणा उस समय खाना खा रहे थे, इसलिए उन्हें मैदान पर भेजने में कुछ समय लगा।”
मोर्केल ने स्पष्ट किया कि यह फैसला पूरी तरह से मैच रेफरी के हाथों में था और टीम इंडिया ने सिर्फ नाम भेजने का काम किया।
इस विवाद ने कन्कशन सब्सटीट्यूट नियमों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। इंग्लैंड की टीम इस फैसले से असहमत थी, जबकि भारतीय टीम का कहना था कि यह निर्णय पूरी तरह नियमों के अनुसार और मैच रेफरी के निर्देश पर लिया गया था। ऐसे में आईसीसी को इस तरह के मामलों में अधिक स्पष्टता लाने की जरूरत होगी, ताकि भविष्य में ऐसी बहस से बचा जा सके।