दिल्ली में विधानसभा चुनाव का माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता भगवंत मान ने दिल्ली के मादीपुर विधानसभा में एक बड़ा रोड शो किया। इस दौरान भारी संख्या में आप समर्थक सड़कों पर नजर आए। बता दें कि दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होना है और इसके नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
रोड शो के दौरान क्या बोले सीएम भगवंत मान?
भगवंत मान ने रोड शो के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी का प्यार देखकर मेरा दिल खुश हो गया। राखी बिड़ला आपकी बेटी और बहन है, उसे जिताना है। 5 फरवरी को 3 नंबर के बटन को दबाना है।” उन्होंने कहा कि जहां भी वह जाते हैं, वहां लोग कहते हैं कि “केजरीवाल हमारा भाई और बेटा है, हम उसे फिर से मुख्यमंत्री बनाएंगे।”
इसके बाद, भगवंत मान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “दिल्ली के मादीपुर विधानसभा में पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में वॉलंटियर्स के साथ रोड शो किया। बड़ी संख्या में लोग घरों और दुकानों से बाहर निकलकर रोड शो में शामिल हुए। उनका दिल से धन्यवाद। मादीपुर के लोगों का जोश और जुनून यह बता रहा है कि वे फिर से अरविंद केजरीवाल जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं। इंकलाब जिंदाबाद!”
दिल्ली के अन्य इलाकों में भी सीएम मान ने की रैलियां
भगवंत मान सिर्फ मादीपुर ही नहीं, बल्कि दिल्ली के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी प्रचार करने पहुंचे। उन्होंने कहा, “हम जहां भी जा रहे हैं, पूरी दिल्ली में एक ही आवाज़ सुनाई दे रही है— फिर लाएंगे केजरीवाल।”
उन्होंने दावा किया कि “आम आदमी पार्टी ही दिल्ली के लोगों के हकों के लिए लड़ने वाली पार्टी है। दूसरी पार्टियों के पास दिल्ली के लोगों के लिए कोई एजेंडा नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करके दिल्लीवासियों का भरोसा जीता है। इसी वजह से दिल्ली के लोगों ने बार-बार ‘आप’ की सरकार बनाई।”
भगवंत मान ने चांदनी चौक के मतदाताओं से कहा, “इस बार भी ‘आप’ के ही विधायक को जिताइए, जो आपके दुख-सुख में हमेशा आपके साथ खड़ा रहे।”
क्या मतलब है इस प्रचार का?
भगवंत मान का दिल्ली में आकर प्रचार करना दिखाता है कि आम आदमी पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए भगवंत मान समेत कई नेता लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। इस बीच, विरोधी पार्टियां भी अपनी रणनीति बना रही हैं। अब देखना होगा कि 5 फरवरी को दिल्ली के मतदाता किसे चुनते हैं और 8 फरवरी को किसकी सरकार बनती है।