आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को एक चिट्ठी लिखकर नई दिल्ली विधानसभा में पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमलों और उनके उत्पीड़न के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि AAP के कार्यकर्ताओं को चुनावी प्रचार के दौरान विभिन्न हमलों और दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
केजरीवाल ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में एक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक (इंडिपेंडेंट इलेक्शन आब्जर्वर) नियुक्त करें ताकि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित रूप से सुनिश्चित किया जा सके। उनका कहना था कि जब पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, तो यह न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि चुनावी माहौल को भी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने इस मामले में चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की अपील की है, ताकि AAP वॉलंटियर्स की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और चुनाव प्रक्रिया को बिना किसी डर या दबाव के जारी रखा जा सके।
केजरीवाल ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यह हमले एक संगठित प्रयास का हिस्सा हो सकते हैं, जो AAP के प्रचार-प्रसार को प्रभावित करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले चुनावी लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हैं और चुनाव आयोग को इस पर सख्ती से ध्यान देना चाहिए।
चुनाव आयोग से अपील करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी पर्यवेक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न का सामना न करना पड़े। उनका कहना था कि यदि इस प्रकार के हमले जारी रहते हैं, तो इससे न केवल चुनावी माहौल खराब होगा, बल्कि दिल्लीवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन भी होगा।
केजरीवाल की यह चिट्ठी तब आई है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान AAP और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद और संघर्ष बढ़ गए हैं। इससे पहले भी पार्टी ने आरोप लगाया था कि उनकी टीम के सदस्य चुनावी प्रचार के दौरान कई बार शारीरिक हमलों का शिकार हुए हैं।
इस चिट्ठी के बाद अब चुनाव आयोग पर दबाव बन गया है कि वह इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करे और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए।