महा कुंभ 2025 में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर तीसरे ‘अमृत स्नान’ का आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। त्रिवेणी संगम पर आस्था और अध्यात्म का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जहां भक्तों ने मोक्ष की कामना के साथ पवित्र स्नान किया।
सुबह से ही उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
स्नान पर्व की शुरुआत तड़के ही हो गई थी। भोर होते ही नागा संन्यासियों सहित विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों ने विधिवत स्नान यात्रा निकाली। सुबह 4 बजे तक ही 16.58 लाख श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। वहीं, 13 जनवरी से अब तक कुल 34.97 करोड़ लोग इस पवित्र अवसर पर स्नान कर चुके हैं। सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि इनमें 10 लाख कल्पवासी और 6.58 लाख अन्य तीर्थयात्री शामिल हैं।
महत्वपूर्ण है यह अमृत स्नान
बसंत पंचमी पर कुंभ में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है बल्कि मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या के हादसे की यादें ताजा
इस बार अमृत स्नान खासतौर पर इसलिए भी अहम था क्योंकि पिछले ‘अमृत स्नान’ (मौनी अमावस्या) के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए थे। इस बार प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पांच करोड़ श्रद्धालुओं की होगी मौजूदगी
अब तक 33 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महा कुंभ में स्नान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि सोमवार को अकेले पांच करोड़ लोग संगम में डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक नियंत्रण, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
संगम तट पर भक्ति का महासंगम
त्रिवेणी संगम का नजारा भक्तिमय हो चुका है। हर तरफ हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के जयकारे गूंज रहे हैं। साधु-संतों के प्रवचन और गंगा आरती ने कुंभ को और भी पवित्र और दिव्य बना दिया है।
महा कुंभ का यह अद्भुत आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा से कम नहीं है। अगला प्रमुख स्नान पर्व शिवरात्रि पर होगा, जब संगम किनारे एक बार फिर करोड़ों भक्तों की आस्था की लहर उमड़ेगी।