दिल्ली के आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में एक अर्जी दी, जिसमें उन्होंने यमुन नदी में अमोनिया के स्तर में बढ़ोतरी और दिल्ली में जल संकट के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। संजय सिंह ने राज्यसभा में रूल 267 के तहत यह नोटिस दिया, ताकि इस गंभीर समस्या पर तत्काल चर्चा की जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा द्वारा दिल्ली को आपूर्ति किए जा रहे पानी में अमोनिया का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और जल आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम तक पहुंचा
संजय सिंह ने अपनी अर्जी में कहा कि यमुन नदी में अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से ऊपर जा चुका है, जो बहुत ही जहरीला है। इसके कारण दिल्ली के वजीराबाद जल शोधन संयंत्र (Water Treatment Plant) की उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली में करीब 3.4 मिलियन लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा से दिल्ली को मिलने वाला पानी अब अशुद्ध सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट से प्रदूषित है, जिसके कारण अमोनिया का स्तर 700 प्रतिशत तक बढ़ चुका है, जो कि शोधन के स्तर से कहीं अधिक है।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि यह स्थिति केवल लापरवाही का परिणाम नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार की छवि को धूमिल करने का जानबूझकर प्रयास है। उन्होंने कहा कि यमुन नदी में खाद, रंग, प्लास्टिक और सड़ी-गली जैविक सामग्री जैसे प्रदूषण के कारण अमोनिया की प्रदूषण दर और बढ़ रही है। यह एक संज्ञानात्मक संकट है और तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि दिल्लीवासियों को जल संकट से राहत मिल सके।
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
इस मुद्दे को लेकर AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने दावा किया कि हरियाणा से दिल्ली को सप्लाई किए जाने वाले कच्चे पानी में अमोनिया की मात्रा बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। केजरीवाल ने कहा कि 15 जनवरी से ही अमोनिया के स्तर में अचानक वृद्धि होनी शुरू हो गई थी, जो 3.2 पीपीएम से बढ़कर 7 पीपीएम हो गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री का जवाब
इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8500 करोड़ रुपये की राशि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाने के लिए दी थी, लेकिन यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। सैनी ने दिल्ली और हरियाणा सीमा से लेकर वजीराबाद तक के यमुनाजल का परीक्षण किया और कहा कि पल्ला घाट से एक बोतल और वजीराबाद से दूसरी बोतल में एक बड़ा अंतर था, जो यह दर्शाता है कि पानी में प्रदूषण का मुख्य कारण दिल्ली के अंदर है।
केंद्र और राज्य के बीच तकरार
यह आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक नई तकरार की शुरुआत कर रहा है, जो राज्य और केंद्र सरकार के बीच न केवल राजनीतिक बल्कि जल संकट के समाधान को लेकर भी गंभीर सवाल उठाता है। यह स्पष्ट हो गया है कि जल आपूर्ति और जल शोधन के मुद्दे पर दिल्ली और हरियाणा सरकारों के बीच सहयोग की कमी है।
कुल मिलाकर, इस विवाद ने यमुन नदी और दिल्ली के जल संकट को एक बार फिर से राष्ट्रीय बहस का विषय बना दिया है, और अब यह देखना होगा कि राज्य और केंद्र मिलकर इस संकट से निपटने के लिए कौन से कदम उठाते हैं। दिल्लीवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की आवश्यकता है।