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**- वजीफा योजना में बड़ा बदलाव, अब दो साल की सेवा की शर्त समाप्त
योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और शिविर लगाने के लिए 2 करोड़ रुपए का बजट**
पंजाब सरकार ने राज्य के श्रमिकों की भलाई के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की वजीफा योजना में बड़ा बदलाव करते हुए श्रमिक की दो साल की सेवा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
अब कोई भी श्रमिक अंशदान (Contributions) करने के दिन से ही इस योजना का लाभ ले सकेगा। पहले इस योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए वजीफा दिया जाता था, लेकिन इसके लिए श्रमिक को कम से कम दो साल तक कार्यरत रहना जरूरी था। अब यह शर्त खत्म होने से हजारों श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
लेबर भवन में हुई बैठक में बड़ा फैसला
बीती शाम पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की 55वीं बैठक में श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। इस बैठक में श्रमिकों की भलाई से जुड़े कई और फैसले भी किए गए।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि श्रमिकों के अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट तय किया जाएगा। इसके अलावा, श्रमिकों को योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए उनके कार्यस्थलों पर ही विशेष शिविर लगाने के लिए 1 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट पास किया गया।
शगुन योजना में भी बदलाव, अब शादी प्रमाणपत्र जरूरी नहीं
श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने शगुन योजना में भी एक बड़ा बदलाव किया है। पहले इस योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य था, जिससे श्रमिकों को काफी परेशानी होती थी।
अब सरकार ने यह नियम बदल दिया है। अब यदि कोई श्रमिक धार्मिक स्थल पर शादी करता है और विवाह संपन्न कराने वाले धार्मिक व्यक्ति के साथ तस्वीरें प्रस्तुत करता है, तो उसे शगुन योजना का लाभ मिल सकेगा।
इस फैसले से उन श्रमिकों को बहुत राहत मिलेगी, जो शादी के बाद रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने में दिक्कतों का सामना करते थे। अब वे आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
लेबर वेलफेयर बोर्ड की बैठक हर तीन महीने में होगी
बैठक में श्रम मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की बैठक हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से की जाए। इससे योजनाओं की प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी और यदि किसी योजना को श्रमिकों तक पहुंचाने में कोई बाधा आती है तो उसे समय रहते दूर किया जा सकेगा।
फंड में बढ़ोतरी का फैसला, श्रमिकों को मिलेगा अधिक लाभ
एक और बड़ा फैसला यह किया गया कि पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड के फंड में अंशदान (Contribution) की राशि को 1 अप्रैल 2025 से बढ़ाया जाएगा। इससे बोर्ड की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और भविष्य में श्रमिकों के लिए और अधिक योजनाएं शुरू की जा सकेंगी।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस बैठक में पंजाब सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिनमें –
श्रम सचिव मनवेश सिंह सिद्धू
श्रम आयुक्त राजीव कुमार गुप्ता
जॉइंट डायरेक्टर ऑफ फैक्ट्रीज़ नरिंदर सिंह
सहायक वेलफेयर आयुक्त गौरव पुरी
जॉइंट डायरेक्टर कन्नू थिंद
वित्त, उद्योग और सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी
निष्कर्ष
पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से राज्य के हजारों श्रमिकों को सीधा फायदा मिलेगा।
1. वजीफा योजना में बदलाव से अब कोई भी श्रमिक अंशदान के दिन से ही इस योजना का लाभ ले सकेगा।
2. योजनाओं की जागरूकता के लिए 2 करोड़ का बजट तय किया गया है।
3. शगुन योजना में रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
4. लेबर वेलफेयर बोर्ड की बैठक हर तीन महीने में होगी।
5. बोर्ड के फंड में 1 अप्रैल 2025 से बढ़ोतरी की जाएगी।
इन फैसलों से पंजाब के श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से मिलेगा और उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।