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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं, और इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जंगपुरा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। यह हार उनके लिए व्यक्तिगत रूप से एक बड़ा सदमा है, क्योंकि वे दिल्ली सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे और जंगपुरा सीट पर अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे।
मनीष सिसोदिया ने अपनी हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस चुनाव को उन्होंने और उनके सभी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत से लड़ा। उन्होंने कहा, “जंगपुरा के लोग भी हमारे साथ थे और हमें उनका बहुत प्यार मिला, लेकिन फिर भी हम केवल 600 वोटों से पीछे रहे गए।” यह बयान इस बात को दर्शाता है कि मनीष सिसोदिया ने पूरी उम्मीद के साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजे उनकी उम्मीदों के विपरीत आए।
इस हार के बावजूद मनीष सिसोदिया ने बीजेपी के उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह को हार्दिक बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी के कैंडिडेट को बधाई देता हूं और मुझे उम्मीद है कि वह जंगपुरा के लोगों की सेवा अच्छे तरीके से करेंगे।” यह बात मनीष सिसोदिया की शिष्टता और राजनीतिक परिपक्वता को दर्शाती है, क्योंकि हारने के बावजूद उन्होंने अपनी हार को स्वीकार किया और विजेता को सम्मान दिया।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अब पार्टी को यह देखना होगा कि कहां और किस कारण से वे पिछड़ गए। “हमसे कहां चूक हुई, इसका विश्लेषण किया जाएगा,” उन्होंने कहा। यह बयान इस बात को साफ करता है कि आम आदमी पार्टी अपनी हार से सीखने और आगे की रणनीति तैयार करने में जुटेगी। पार्टी के लिए यह हार न केवल एक व्यक्तिगत झटका है, बल्कि इसे लेकर पार्टी के भीतर भी मंथन होना तय है।
इस हार के बावजूद आम आदमी पार्टी के नेताओं का आत्मविश्वास बना हुआ है, और वे दिल्ली की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर आश्वस्त हैं। मनीष सिसोदिया की हार ने पार्टी के भीतर सुधार और नई रणनीतियों की जरूरत को भी उजागर किया है।