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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। इस दौरान सुरक्षा बलों के 4 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बाकी दो घायल जवानों को बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर में रेफर किया गया है।
कैसे हुई मुठभेड़?
बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगलों में सुरक्षाकर्मी एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रहे थे। यह इलाका बीजापुर और नारायणपुर जिलों की महाराष्ट्र सीमा से सटा हुआ है। ऑपरेशन के दौरान अचानक नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की। इस मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए और कई अन्य के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया और नक्सलियों के ठिकानों से ऑटोमैटिक हथियार और विस्फोटक बरामद किए।
लगातार हो रही नक्सल विरोधी कार्रवाई
बस्तर पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों को तेज कर दिया गया है। बीजापुर जिले में ही 1 फरवरी को गंगालूर इलाके में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 8 नक्सली मारे गए थे। वहीं, 20-21 जनवरी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर गरियाबंद जिले के जंगलों में सुरक्षाबलों ने 16 नक्सलियों को ढेर किया था। इनमें 90 लाख रुपये का इनामी नक्सली चलपति भी शामिल था।
219 नक्सलियों का खात्मा, सरकार की सख्त नीति
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि इस साल अब तक राज्य में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में 50 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। वहीं, 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक कुल 219 नक्सलियों का सफाया किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन को प्राथमिकता दे रही है और इस दिशा में बड़े स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं।
नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त कर दिया जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे ऑपरेशन इसी योजना का हिस्सा हैं।
6 जनवरी को आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए थे 8 जवान
इस साल 6 जनवरी को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षा बलों की गाड़ी उड़ा दी थी, जिसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 8 जवानों और ड्राइवर की जान चली गई थी। यह हमला बीजापुर जिले के बेद्रे-कुटरू रोड पर हुआ था, जहां नक्सलियों ने सड़क में प्लांट किए गए आईईडी को डेटोनेट कर दिया था। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने नक्सल विरोधी अभियान को और तेज करने का फैसला लिया था।
बीजापुर की यह मुठभेड़ दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान पूरे जोश के साथ चल रहा है। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई से नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज करने की संभावना है, जिससे राज्य में शांति बहाल करने का लक्ष्य जल्द पूरा हो सकेगा।