पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कैदियों की सजा माफी से जुड़े मामलों में एक बड़ा बदलाव किया है। पहले, इन मामलों को राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही राज्यपाल के पास भेजा जाता था, लेकिन अब राज्यपाल ने आदेश दिया है कि ऐसे मामले सीधे मुख्यमंत्री के जरिए भेजे जा सकते हैं।
क्या है मामला?
- पहले नियम: पहले कैदियों की सजा माफी या राहत से जुड़ी फाइलें राज्य कैबिनेट में पेश की जाती थीं, जहां मुख्यमंत्री और उनके मंत्री इस पर चर्चा करके इसे राज्यपाल को भेजते थे।
- अब नया फैसला: अब यह प्रक्रिया बदल दी गई है। कैदियों की सजा माफी की फाइलें सीधे मुख्यमंत्री के जरिए राज्यपाल को भेजी जा सकती हैं। इससे फैसले लेने में देरी नहीं होगी।
राज्यपाल ने क्यों किया बदलाव?
- पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने जो प्रक्रिया तय की थी, उसे मौजूदा राज्यपाल ने बदल दिया है।
- पहले गणतंत्र दिवस से पहले कैदियों की सजा माफी से जुड़ी फाइलें पास की जाती थीं, लेकिन इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में पंजाब के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की व्यस्तता के कारण ये फाइलें समय पर पास नहीं हो पाईं।
- इस देरी को देखते हुए, राज्यपाल ने नया आदेश जारी किया, जिससे अब कैदियों की सजा माफी से जुड़े मामलों को जल्दी निपटाया जा सके।
इस फैसले का क्या असर होगा?
- फैसले लेने में तेजी आएगी – अब कैदियों की सजा माफी से जुड़ी फाइलें बिना कैबिनेट की मंजूरी के सीधे राज्यपाल तक पहुंच जाएंगी, जिससे देर नहीं होगी।
- प्रक्रिया आसान होगी – पहले कैबिनेट में चर्चा होने के कारण फाइलों को पास करने में अधिक समय लगता था, लेकिन अब मुख्यमंत्री सीधे फाइलें भेज सकते हैं।
- कैदियों को जल्द राहत मिलेगी – जेलों में बंद ऐसे कैदी जो सजा माफी के पात्र हैं, उन्हें जल्दी राहत मिल सकेगी।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का यह फैसला पंजाब में कैदियों की सजा माफी प्रक्रिया को तेज और आसान बनाएगा। इससे फाइलों की मंजूरी में होने वाली देरी खत्म होगी और योग्य कैदियों को जल्दी राहत मिलेगी।