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पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। एमएसपी समेत 12 मांगों को लेकर संघर्षरत किसान 11 फरवरी को रतनपुरा मोर्चे पर महापंचायत करने जा रहे हैं। वहीं, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ बैठक होगी। अगर यह बैठक बेअसर रहती है, तो 25 फरवरी को दिल्ली की ओर पैदल मार्च किया जाएगा।
12 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत और एकता बैठक
किसान आंदोलन को संगठित करने के लिए 12 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक महापंचायत आयोजित की जा रही है। इस दिन तीनों प्रमुख किसान संगठनों के बीच एकता बैठक भी होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 12 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई है, जिसमें किसान आंदोलन-2 को लेकर फैसले लिए जाएंगे। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि 13 फरवरी को शंभू मोर्चे को एक साल पूरा होने के मौके पर देशभर से किसान संगठनों के नेता वहां पहुंचेंगे।
14 फरवरी को सरकार से बैठक, हल नहीं निकला तो 25 फरवरी को दिल्ली कूच
किसानों का कहना है कि वे कभी भी बातचीत से पीछे नहीं हटे, लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं लग रही। 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र और पंजाब सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक होगी। यदि इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता, तो 25 फरवरी को शंभू बॉर्डर से किसान दिल्ली कूच करेंगे।
78वें दिन भी जारी है जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 78वें दिन भी जारी रहा। पिछले 6 दिनों से उनकी मेडिकल सहायता बंद थी, क्योंकि उनके दोनों हाथों की नसें बंद हो चुकी थीं। लेकिन 7 दिन बाद डॉक्टरों की मेहनत से उन्हें ड्रिप के जरिए इलाज शुरू किया गया है। किसानों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
रतनपुरा महापंचायत की तैयारी पूरी, हजारों किसान होंगे शामिल
11 फरवरी को राजस्थान और हरियाणा से हजारों किसान रतनपुरा मोर्चे पर पहुंचेंगे। इस महापंचायत के जरिए आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा। इस मौके पर जसविंदर सिंह लोंगोवाल, जंग सिंह भतेड़ी, गुरअमनीत मंगट, हरजीत सिंह मंगट, बलकार सिंह बैंस सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहेंगे।
सरकार पर किसान नेताओं का हमला
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बजट पेश करने के दौरान ही अपने इरादे साफ कर चुकी है। किसानों की मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया, इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अगर सरकार 14 फरवरी की बैठक में हल निकालने में नाकाम रही, तो किसान 25 फरवरी को दिल्ली मार्च करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।