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अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन सरकार ने भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। ब्रिटिश सरकार ने 19,000 अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाल दिया है। इतना ही नहीं, पहली बार सरकार ने विदेशी अपराधियों और अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने का वीडियो जारी किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि ब्रिटेन में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चल रही है।
अवैध कामगारों पर कार्रवाई, भारतीय रेस्तरां भी निशाने पर
ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों के खिलाफ यह सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। खासकर उन कारोबारों को निशाना बनाया गया है जो अवैध प्रवासियों को रोजगार देते हैं। इसमें भारतीय रेस्तरां, नेल बार, किराने की दुकानें और कार वॉश सेंटर शामिल हैं।
ब्रिटेन की गृह सचिव यवेट कूपर के अनुसार, उनके विभाग की इमिग्रेशन इंफोर्समेंट टीमों ने इस साल जनवरी में रिकॉर्ड स्तर पर छापेमारी की है। पिछले साल जनवरी 2024 के मुकाबले इस बार 48% ज्यादा छापे (कुल 828 जगहों पर) मारे गए और गिरफ्तारियों में 73% की वृद्धि हुई (609 लोग गिरफ्तार हुए)।
भारतीय रेस्तरां से 7 गिरफ्तार, 4 हिरासत में
इसी अभियान के तहत, उत्तरी इंग्लैंड के हम्बरसाइड इलाके में एक भारतीय रेस्तरां पर छापा मारा गया, जहां से 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 4 लोगों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।
लेबर सरकार का नया कानून और कड़ी सजा का प्रावधान
ब्रिटेन की लेबर सरकार जल्द ही बॉर्डर सिक्योरिटी, शरण और इमिग्रेशन बिल को संसद में फिर से पेश करेगी। सरकार का दावा है कि इस कानून का उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना और अपराधी गिरोहों पर लगाम लगाना है, जो ब्रिटेन की सीमा सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।
सरकार ने इस साल अब तक 1,090 सिविल पेनल्टी नोटिस जारी किए हैं और अगर कोई मालिक अवैध प्रवासियों को नौकरी पर रखता है, तो उसे प्रत्येक कर्मचारी पर 60,000 ब्रिटिश पाउंड तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
2024 चुनाव के बाद 16,400 और लोग निकाले गए
ब्रिटेन सरकार ने दावा किया है कि जुलाई 2024 में हुए आम चुनावों के बाद 16,400 और अवैध प्रवासियों को निकाला गया है। यह 2018 के बाद से सबसे अधिक निर्वासन की संख्या है।
मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया
सरकार की इस सख्त नीति की मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से प्रवासी समुदायों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है।
हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम देश की सुरक्षा और अवैध प्रवास को रोकने के लिए बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ब्रिटेन की सीमाओं की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है और अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।