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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार के बाद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक दिल्ली के कपूरथला हाउस में हुई, जहां केजरीवाल ने पंजाब के नेताओं को तीन बड़े मंत्र दिए— लोगों से जुड़े रहो, सही मुद्दे पहचानो और मजबूती से लड़ो।
बैठक का उद्देश्य क्या था?
इस बैठक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, कुछ लोग कह रहे थे कि केजरीवाल पंजाब में नेतृत्व बदल सकते हैं। लेकिन बैठक के बाद भगवंत मान ने इन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि यह बैठक सिर्फ पंजाब के नेताओं को धन्यवाद देने के लिए रखी गई थी क्योंकि उन्होंने दिल्ली चुनाव में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी।
भगवंत मान ने कहा कि AAP की पंजाब सरकार शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर लगातार काम कर रही है और आगे भी यह काम तेज किया जाएगा।
केजरीवाल ने क्या कहा?
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान केजरीवाल ने सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि राजनीति में हार-जीत चलती रहती है, लेकिन जनता के लिए काम करना सबसे जरूरी है।
उन्होंने पंजाब के नेताओं को 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी में अभी से जुटने को कहा ताकि पार्टी दोबारा सत्ता में लौट सके।
केजरीवाल ने पंजाब के नेताओं को तीन मंत्र दिए—
- लोगों से जुड़े रहो: जनता की समस्याओं को समझो और उनसे लगातार संवाद बनाए रखो।
- मुद्दे पहचानो: सिर्फ चुनावी मौसम में नहीं, बल्कि हमेशा जनता की जरूरतों के मुताबिक काम करो।
- डटकर लड़ो: विरोधियों के हमलों से घबराने के बजाय मजबूती से जवाब दो और अपनी नीतियों को जनता तक पहुंचाओ।
उन्होंने यह भी कहा कि अब वह खुद पंजाब में ज्यादा वक्त बिताएंगे और राज्य के विकास पर विशेष ध्यान देंगे।
भगवंत मान ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और उन्हें राजनीति की असली सच्चाई बताई। उन्होंने कहा, “राजनीति में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं।”
भगवंत मान ने अपनी राजनीतिक यात्रा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “मैं 2012 में चुनाव हार गया था। उस समय मुझे लगा था कि सब खत्म हो गया, लेकिन मैंने दो बार सांसद बनने के बाद मुख्यमंत्री का पद संभाला।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जनता से किए गए वादों को पूरा करना ही पार्टी की सबसे बड़ी जीत होगी।
कांग्रेस के दावे को किया खारिज
हाल ही में पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया था कि AAP के 30 से ज्यादा विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ सकते हैं।
इस पर भगवंत मान ने जवाब दिया, “बाजवा बार-बार यही बातें कह रहे हैं। उन्हें हमारे विधायकों की गिनती करने के बजाय यह देखना चाहिए कि दिल्ली में उनकी खुद की पार्टी के कितने विधायक बचे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि AAP के नेता ईमानदार और समर्पित लोग हैं, जो किसी लालच में नहीं आते।
आगे की रणनीति
AAP अब पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 2027 चुनावों के लिए अभी से मेहनत करने को कहा है। पार्टी अब
- जनता से सीधा संवाद बढ़ाएगी
- स्थानीय समस्याओं को हल करने पर ध्यान देगी
- विरोधियों के हमलों का डटकर सामना करेगी
AAP की यह बैठक सिर्फ दिल्ली चुनाव की हार के असर को खत्म करने के लिए नहीं थी, बल्कि पंजाब में पार्टी की ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम थी।
अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में पार्टी अपनी छवि और प्रदर्शन को कैसे सुधारती है।