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पंजाब सरकार ने बठिंडा थर्मल पावर प्लांट की भूमि के उचित उपयोग के लिए बड़ा फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इस भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इसे अलग-अलग उद्देश्यों के लिए आवंटित करने की मंजूरी दी है।
अब बठिंडा थर्मल प्लांट की 253 एकड़ भूमि को बठिंडा विकास प्राधिकरण (BDA) को सौंपा जाएगा। इस भूमि का उपयोग आवासीय और वाणिज्यिक भवनों, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बस स्टैंड, ईएसआई अस्पताल, और स्कूलों के निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे शहर की बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी और लोगों को विकास के नए अवसर मिलेंगे।
इसके अलावा, सरकार ने 1235 एकड़ भूमि को वापस पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को देने का निर्णय लिया है। इससे बिजली से जुड़े अन्य प्रोजेक्टों के लिए इस जमीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
झीलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा
बठिंडा थर्मल प्लांट परिसर में स्थित तीन झीलों को भी लेकर बड़ा फैसला किया गया है। करीब 173 एकड़ क्षेत्र में फैली इन झीलों का प्रशासनिक नियंत्रण बठिंडा विकास प्राधिकरण (BDA) को दिया जाएगा, जबकि इनका मालिकाना हक PSPCL के पास ही रहेगा।
सरकार ने इन झीलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। बठिंडा विकास प्राधिकरण इस क्षेत्र को आकर्षक पर्यटन स्थल बनाएगा, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और शहर की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
लाभ का बंटवारा 80:20 अनुपात में
इस परियोजना से जो भी आर्थिक लाभ होगा, उसे PSPCL और बठिंडा विकास प्राधिकरण के बीच 80:20 के अनुपात में बांटा जाएगा। इसका मतलब है कि लाभ का 80% हिस्सा PSPCL को मिलेगा, जबकि 20% हिस्सा BDA को दिया जाएगा।
बठिंडा के विकास को मिलेगी रफ्तार
इस फैसले से बठिंडा शहर का विकास तेजी से होगा। नई आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं से लोगों को रोजगार मिलेगा। बस स्टैंड और अस्पताल जैसी सुविधाएं शहर के लोगों के जीवन को आसान बनाएंगी। इसके साथ ही, पर्यटन स्थल बनने से बठिंडा को एक नया आकर्षण मिलेगा, जिससे यह पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा।
सरकार के इस कदम से बठिंडा का आर्थिक और सामाजिक विकास तेज होगा और यह शहर एक आधुनिक रूप ले सकेगा।