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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुसार, अब गाँवों और पिछड़े इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए एक और अहम कदम उठाया गया है। इसी दिशा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने 10 नई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंसासा व बठिंडा जिलों के विधायक भी मौजूद थे।
गाँवों तक पहुँचेगी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ
ये मोबाइल मेडिकल यूनिट्स हंस फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई हैं। इनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गाँवों में रहने वाले नागरिकों को उनके दरवाजे पर ही ज़रूरी चिकित्सा सेवाएँ मिल सकें।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इन मोबाइल वैनों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं और इन्हें मंसासा व बठिंडा जिलों में तैनात किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि जरूरतमंद लोगों को समय पर और अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।
क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
इन मोबाइल यूनिट्स के जरिए लोगों को मुफ्त में कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएँ दी जाएँगी, जिनमें शामिल हैं:
- एमबीबीएस डॉक्टरों की मुफ्त सलाह
- 40 प्रकार के डायग्नोस्टिक टेस्ट (जाँच)
- 220 तरह की मुफ्त दवाइयाँ
- स्वास्थ्य जागरूकता कैंप
- गंभीर मरीजों को घर पर ही चिकित्सा सुविधाएँ
हर दिन दो गाँवों तक पहुँचेगी यूनिट
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ये मोबाइल मेडिकल यूनिट्स हर दिन दो गाँवों में जाएँगी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे गाँवों के लोगों को अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं होगी और उन्हें घर पर ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकेंगी।
भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी व्यवस्था
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इन स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह पारदर्शी रखा जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पंजाब में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स पहले से कार्यरत
इस समय पंजाब में कुल 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स काम कर रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 51 यूनिट्स हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित
- 13 यूनिट्स नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत
- 1 यूनिट आईसीआईसीआई बैंक द्वारा प्रायोजित
- 1 यूनिट एनजीओ “डॉक्टर्स फॉर यू” द्वारा संचालित
अब तक कितने लोगों को मिला लाभ?
अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक, इन यूनिट्स ने:
✅ 4.40 लाख मरीजों का इलाज किया
✅ 1.39 लाख डायग्नोस्टिक टेस्ट किए
आम आदमी क्लीनिकों की सफलता
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि अब तक 2.86 करोड़ से ज्यादा लोग “आम आदमी क्लीनिक” से इलाज करवा चुके हैं। इससे पंजाब के नागरिकों को लगभग 1,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
सरकार की अपील
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इन स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ और अपने गाँवों में भी जागरूकता फैलाएँ, ताकि हर व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सके।
पंजाब सरकार गाँवों और दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के जरिए अब गाँव के लोगों को मुफ्त और आधुनिक इलाज उनके घर के पास ही मिलेगा। इससे न केवल लोगों को सुविधा होगी, बल्कि उनकी समय और पैसे की भी बचत होगी। पंजाब सरकार की यह पहल निश्चित रूप से राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।