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तेलंगाना के नागरकुरनूल ज़िले में हुए सुरंग हादसे के बाद बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस हादसे में 8 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे। प्रशासन की टीमें लगातार मेहनत कर रही हैं ताकि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो टीमें इस बचाव अभियान में लगी हुई हैं।
कैसे हुआ यह हादसा?
22 फरवरी की सुबह, जब मज़दूर सुरंग के अंदर काम कर रहे थे, तभी अचानक पानी का तेज़ बहाव शुरू हो गया और मिट्टी ढहने लगी। इससे सुरंग की छत गिर गई, और मज़दूर अंदर ही फंस गए।
बचाव कार्य में कौन-कौन शामिल?
- सेना और NDRF की दो टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
- उत्तराखंड की सुरंग बचाव टीम (रेट माइनर्स) को भी इस ऑपरेशन से जोड़ा गया है।
- भारी मशीनों की मदद से सुरंग की खुदाई जारी है।
- पानी निकालने का काम भी तेज़ कर दिया गया है ताकि रास्ता साफ किया जा सके।
जिला कलेक्टर बी. संतोष ने बताया कि अब बचाव दल आखिरी 40 मीटर की दूरी तय करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, शनिवार को यह दूरी तय करने में कठिनाई आई थी, लेकिन अब आधुनिक मशीनों के जरिए यह काम तेज़ी से हो रहा है।
हालांकि बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन तेलंगाना सरकार के मंत्री जुम्पल्ली कृष्णा राव ने कहा कि अंदर फंसे 8 लोगों के जीवित बचने की संभावना बहुत कम है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि 22 फरवरी की सुबह, जब मज़दूर सुरंग में घुसे थे, तब अचानक पानी का तेज़ बहाव शुरू हो गया। इसके बाद मिट्टी गिरने लगी और सुरंग का एक हिस्सा ढह गया।
- बचाव कार्य 24 घंटे जारी है।
- मशीनों से खुदाई करके मज़दूरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
- पानी निकालने का काम भी तेज किया गया है ताकि राहत कार्य तेजी से किया जा सके।
यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं। सरकार और बचाव दल हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि मज़दूरों को सुरक्षित निकाला जा सके। अब सभी की निगाहें इस बचाव अभियान पर हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई अच्छी खबर मिलेगी।