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पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को भाजपा सरकार द्वारा दिल्ली में डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटाने की कड़ी निंदा करते हुए सर्वसम्मति से एक निंदा प्रस्ताव (Censure Motion) पारित किया। यह प्रस्ताव पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा पेश किया गया था, जिसमें दिल्ली की भाजपा सरकार को राष्ट्रीय नायकों का अपमान करने के लिए कड़ी आलोचना की गई।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उठाया मुद्दा
इससे पहले, विधानसभा के शून्यकाल में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह मुद्दा उठाते हुए भाजपा सरकार की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने मांग की कि पंजाब विधानसभा एक प्रस्ताव पारित कर इसे देश के राष्ट्रपति को भेजे, ताकि भाजपा सरकार के इस अपमानजनक कदम का विरोध किया जा सके।
अंबेडकर और दलित समाज का अपमान
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें हटा दी गईं, जो दलित समाज के लिए एक बड़ा अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दलित समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने की साजिश कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, तब से दलितों पर अत्याचार के मामले तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, संविधान से छेड़छाड़ और दलित विरोधी घटनाओं में इजाफा हुआ है।
अमृतसर में अंबेडकर की मूर्ति के साथ अपमानजनक हरकत
वित्त मंत्री चीमा ने हाल ही में अमृतसर में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति को अपवित्र करने की कोशिश का भी जिक्र किया। उन्होंने इस घटना के लिए भाजपा सरकार की मानसिकता को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद किया कि उन्होंने आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कराया, जिससे यह साबित होता है कि पंजाब सरकार न्याय और सम्मान को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में भाजपा की सरकार होती, तो अपराधियों को बचाने की कोशिश की जाती।
भाजपा पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप
वित्त मंत्री चीमा ने भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थानों को खत्म करने और “वन नेशन वन इलेक्शन” जैसी नीतियां लागू कर संविधान को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान में दिए गए गरीबों और दलितों के अधिकारों को खत्म करना चाहती है।
सभी दलों ने एकजुट होकर किया समर्थन
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया और कहा कि सभी दलों को मिलकर इस तरह के संविधान विरोधी कृत्यों का विरोध करना चाहिए।
पंजाब के विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी और नच्छत्तर पाल सिंह ने भी दिल्ली की भाजपा सरकार के इस रवैये की कड़ी आलोचना की और इसे छोटे सोच की राजनीति बताया।
पंजाब विधानसभा ने स्पष्ट कर दिया है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह जैसे राष्ट्रीय नायकों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। भाजपा सरकार द्वारा दिल्ली में इन महापुरुषों की तस्वीरें हटाना लोकतंत्र, संविधान और दलित समुदाय का अपमान है। पंजाब सरकार ने एक मजबूत संदेश दिया है कि वह संविधान की रक्षा और समाज के हाशिए पर मौजूद लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।