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अमेरिका के व्हाइट हाउस में शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की के बीच एक अहम बैठक हुई, लेकिन यह बातचीत जल्द ही तीखी बहस में बदल गई। इस कूटनीतिक तनाव के कारण यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद का भविष्य अधर में लटक गया।
व्हाइट हाउस से निकलना पड़ा जेलेंस्की को
मुलाकात के दौरान जब बातचीत गरम हो गई, तो ट्रंप ने अचानक चर्चा बंद कर दी और जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कहा। इसके बाद जेलेंस्की सीधे अपने होटल लौट गए। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि यूक्रेनी नेता को बैठक के तुरंत बाद जाने के लिए कहा गया था।
अधूरी रह गई मिनरल डील
असल में, जेलेंस्की अमेरिका से एक बड़ी मिनरल डील करने आए थे, जिससे उनकी सरकार को आर्थिक सहायता मिल सकती थी। लेकिन बहस के कारण यह डील अधूरी रह गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब दोनों नेताओं के बीच गरमागरमी बढ़ी, तो ट्रंप ने बातचीत बीच में ही रोक दी और लंच मीटिंग को भी रद्द कर दिया।
अधूरा रह गया व्हाइट हाउस का खाना
बैठक के बाद आमतौर पर नेताओं के लिए लंच मीटिंग रखी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल, जो पास के एक कमरे में इंतजार कर रहा था, को लंच के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया। उनके लिए तैयार स्प्रिंग ग्रीन सलाद, रोज़मेरी रोस्टेड चिकन और क्रीम ब्रुले जैसी शानदार खाने की चीजें व्हाइट हाउस में रखी ही रह गईं, किसी ने उन्हें हाथ तक नहीं लगाया।
ट्रंप-पुतिन की नजदीकियों से चिंतित जेलेंस्की
जानकारों के अनुसार, जेलेंस्की का असली मकसद ट्रंप को अपने पक्ष में करना था। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच संबंध मजबूत हुए हैं, जिससे यूक्रेन की चिंता बढ़ गई है।
एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा, “हम चाहते हैं कि ट्रंप मध्यस्थ की भूमिका निभाएं और हमारे पक्ष में रहें।” हालांकि, उन्होंने ट्रंप से माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप का सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमने कोई गलती की है।”
यूक्रेन की मदद पर अनिश्चितता
इस बहस के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि अमेरिका यूक्रेन की आर्थिक और सैन्य सहायता जारी रखेगा या नहीं। ट्रंप ने इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, जिससे यूक्रेन की चिंता और बढ़ गई है।
व्हाइट हाउस में हुई यह गंभीर कूटनीतिक घटना अमेरिका और यूक्रेन के संबंधों के लिए नए संकट की ओर इशारा कर रही है। जेलेंस्की की यात्रा का उद्देश्य अमेरिका से समर्थन प्राप्त करना था, लेकिन इसके बजाय उन्हें खाली हाथ और बिना लंच के लौटना पड़ा। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में ट्रंप यूक्रेन के प्रति अपना रुख बदलते हैं या नहीं।