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पिछले कई सालों से पंजाब के युवा बड़ी संख्या में विदेश जाने का सपना देख रहे थे। उनका एक ही लक्ष्य था – विदेश जाकर अच्छी कमाई करना। लेकिन अब यह ट्रेंड धीरे-धीरे बदलता हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘वतन वापसी’ अभियान का असर दिखने लगा है। पंजाब सरकार द्वारा राज्य में ही रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयासों के चलते पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में गिरावट आ रही है।
पासपोर्ट बनवाने की संख्या में कमी
केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा जनवरी 2025 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक, पंजाब में पासपोर्ट बनवाने की संख्या कम होने लगी है। साल 2023 में पंजाब में रिकॉर्ड 11.94 लाख नए पासपोर्ट बनाए गए थे, लेकिन 2024 में यह संख्या घटकर 10.60 लाख रह गई। यह बदलाव इस ओर इशारा करता है कि विदेश जाने की रफ्तार कम हो रही है।
जनवरी 2025 में पंजाब में 59,907 नए पासपोर्ट बनाए गए। यानी हर दिन औसतन 1,932 पासपोर्ट बन रहे हैं। जबकि 2023 में रोजाना औसतन 3,271 और 2024 में 2,906 पासपोर्ट बनाए गए थे।
विदेश में मुश्किलें, लोगों की सोच बदली
हाल ही में अमेरिका और अन्य देशों से डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं की कहानियां भी लोगों की सोच बदलने का कारण बनी हैं। कई युवाओं को विदेश में संघर्ष और मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस वजह से अब लोग विदेश जाने से पहले सोच-समझकर फैसला लेने लगे हैं।
2014 से अब तक कितने पासपोर्ट बने?
पंजाब में 2014 से विदेश जाने का क्रेज बढ़ने लगा था। उस साल 5.48 लाख पासपोर्ट बनाए गए। 2016 में यह आंकड़ा 9.73 लाख तक पहुंच गया। हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान पासपोर्ट बनवाने में कमी आई, लेकिन उसके बाद फिर तेजी से संख्या बढ़ी।
2014 से अब तक पंजाब में कुल 92.40 लाख पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं।
सरकार के प्रयास – पंजाब में रोजगार के नए अवसर
पंजाब सरकार युवाओं को राज्य में ही रोजगार देने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। इसी का असर है कि अब लोग विदेश जाने की बजाय यहीं बेहतर भविष्य तलाशने लगे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को विदेश जाने के बजाय पंजाब में ही अच्छी नौकरियां मिलें ताकि वे अपने परिवार के साथ रहकर खुशहाल जीवन बिता सकें।
जहां पहले पंजाब में विदेश जाने की होड़ मची हुई थी, वहीं अब पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। सरकार के रोजगार संबंधी प्रयासों और विदेशों में बढ़ती मुश्किलों की वजह से युवा अब सोच-समझकर फैसले ले रहे हैं। आने वाले समय में अगर पंजाब में रोजगार के और बेहतर अवसर मिलते हैं, तो विदेश जाने वालों की संख्या और भी कम हो सकती है।