
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई जारी है। इसी के तहत पंजाब पुलिस की स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने खनन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस फर्जी वेबसाइट के जरिए अवैध खनन में शामिल वाहनों को नकली रसीदें और फॉर्म जारी किए जा रहे थे, जिससे सरकार को भारी नुकसान हो रहा था। यह जानकारी पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को दी।
कैसे बनाई गई फर्जी वेबसाइट?
गिरफ्तार आरोपी गौरव कुमार, जो एसएएस नगर (खरड़) का रहने वाला है, ने पंजाब सरकार के खनन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (minesgeologypunjab.gov.in) की हूबहू नकल तैयार कर ली थी। इस फर्जी वेबसाइट का नाम ‘minesgeologypunjab.in’ रखा गया, ताकि लोगों को असली-नकली का फर्क समझ न आए। यह फर्जी वेबसाइट नवंबर 2024 में बनाई गई थी और जनवरी 2025 तक सक्रिय रही।
कैसे हुआ सरकारी खजाने को नुकसान?
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इस फर्जी वेबसाइट से जारी की गई रसीदों में बारकोड/क्यूआर कोड भी शामिल था, ताकि अवैध खनन में शामिल वाहन सुरक्षा जांच में पकड़े न जाएं। जांच में पता चला कि आरोपी ने फिरोजपुर के एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर 2000 से अधिक फर्जी खनन रसीदें तैयार कीं। इससे पंजाब सरकार को करीब 40-50 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
पुलिस को मिले अहम सबूत
पुलिस ने आरोपी से फर्जी वेबसाइट का पूरा बैकअप, नकली रसीदों का डेटा, खनन सामग्री के स्रोत और गंतव्य की जानकारी, अवैध खनन में इस्तेमाल हुए वाहनों की तस्वीरें और इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर सिस्टम जब्त कर लिए हैं। डीजीपी ने कहा कि इस गिरोह का पूरा नेटवर्क उजागर करने के लिए जांच जारी है।
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) साइबरक्राइम वी. नीरजा ने बताया कि खनन विभाग के मुख्य अभियंता ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी आधिकारिक वेबसाइट को नकली वेबसाइट से कॉपी किया जा रहा है और इसका इस्तेमाल अवैध खनन में किया जा रहा है।
जांच के दौरान पता चला कि यह फर्जी वेबसाइट अमेरिका स्थित डोमेन प्रोवाइडर ‘GoDaddy’ पर रजिस्टर और होस्ट की गई थी। इसके बाद, पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम अधिकारियों ने GoDaddy की कानूनी टीम और विभिन्न इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर इस वेबसाइट को ट्रेस किया।
कैसे हुई आरोपी की गिरफ्तारी?
डीएसपी साइबरक्राइम सिमरनजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने आरोपी के आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबरों की जानकारी निकाली। इसके बाद पंजाब के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर आरोपी गौरव कुमार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस घोटाले में शामिल दूसरे आरोपी की पहचान भी कर ली है और उसे पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
लुधियाना की नवयुग फर्म पर शक
ADGP वी. नीरजा ने बताया कि अब तक बरामद किए गए रिकॉर्ड से पता चला है कि ज्यादातर फर्जी खनन फॉर्म लुधियाना स्थित ‘नवयुग’ नामक फर्म से जुड़े हुए हैं। इस मामले में अब इस फर्म की भी जांच की जा रही है।
कानूनी कार्रवाई
इस पूरे मामले में पुलिस ने FIR नंबर 2, दिनांक 11 फरवरी 2025 को दर्ज की है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 336(3), और 61(2) तथा आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D, और 66 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है।
पंजाब में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। फर्जी वेबसाइट के जरिए अवैध खनन का यह मामला बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है, ताकि भविष्य में इस तरह के ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोका जा सके।