
नीति आयोग की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में महिलाएं बैंक से लोन लेकर अपनी जरूरतें और शौक पूरे कर रही हैं। खासतौर पर गांव और छोटे शहरों की महिलाएं लोन लेकर घर खरीद रही हैं, उपभोग से जुड़ी वस्तुओं पर खर्च कर रही हैं और गोल्ड के बदले कर्ज ले रही हैं।
नीति आयोग की रिपोर्ट ‘फ्रॉम बॉरोवर्स टू बिल्डर्स: वीमन रोल इन इंडिया फाइनेंशियल ग्रोथ स्टोरी’ के मुताबिक, पिछले 5 सालों में महिलाओं द्वारा लोन लेने की संख्या 22% बढ़ी है। इससे यह साफ होता है कि महिलाएं अब खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बैंकों और वित्तीय सेवाओं का ज्यादा इस्तेमाल कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 42% महिलाएं पर्सनल लोन लेकर अपने उपभोग की वस्तुओं और घर खरीदने में खर्च कर रही हैं। यह दिखाता है कि वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सेवाओं का उपयोग कर रही हैं।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम का कहना है कि महिलाओं में क्रेडिट स्कोर को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है। महिलाएं अब पहले से ज्यादा समझदारी से लोन ले रही हैं और अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी कर रही हैं, जिससे उन्हें भविष्य में बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
गोल्ड गिरवी रखकर 38% महिलाओं ने लिया लोन
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 38% महिलाओं ने गोल्ड गिरवी रखकर लोन लिया। इसका मतलब है कि महिलाएं अपने गहनों का उपयोग वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रही हैं। इसके विपरीत, सिर्फ 3% महिलाओं ने बिजनेस लोन लिया, जो यह दर्शाता है कि अभी भी महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है।
महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा लोन लिया
एक और चौंकाने वाली जानकारी यह है कि उत्तर और मध्य भारत में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा लोन लिया। बीते 5 सालों में बिजनेस लोन के लिए खोले गए खातों की संख्या 4.6 गुना बढ़ी है, जिससे यह साफ होता है कि महिलाएं वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
क्रेडिट स्कोर को लेकर बढ़ी जागरूकता
रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 तक 2.7 करोड़ महिलाओं ने अपना क्रेडिट स्कोर खुद मॉनिटर किया, जो पिछले साल की तुलना में 42% अधिक है। खास बात यह है कि युवा लड़कियों में क्रेडिट स्कोर चेक करने की दर सालाना 56% बढ़ रही है।
किन राज्यों की महिलाएं ज्यादा जागरूक?
क्रेडिट स्कोर चेक करने में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना की महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा (49%) रही। इसके अलावा, गैर-मेट्रो शहरों में महिलाओं की क्रेडिट मॉनिटरिंग दर 48% बढ़ी, जबकि मेट्रो शहरों में यह केवल 30% रही।
नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि भारत की महिलाएं अब वित्तीय रूप से अधिक सशक्त हो रही हैं। वे बैंकिंग सेवाओं का ज्यादा इस्तेमाल कर रही हैं, लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी कर रही हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को लेकर भी सतर्क हो रही हैं। हालांकि, बिजनेस लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या अभी भी कम है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार को और प्रोत्साहन देना होगा।