
पंजाब में सब-रजिस्ट्रार, तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस पर पंजाब सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी राजस्व अधिकारियों को आज शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है।
मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके हैं सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही राजस्व अधिकारियों को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप में फटकार लगा चुके हैं। उन्होंने साफ कहा था कि अगर अधिकारी अपना काम सही से नहीं करेंगे, तो सरकार उनके बिना ही जनता के काम करवाने के लिए कदम उठाएगी।
अब जब अधिकारियों ने सामूहिक छुट्टी का सहारा लिया है, तो सरकार इसे ब्लैकमेलिंग मान रही है और इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।
सरकार ने दी सस्पेंशन और सेवा समाप्ति की चेतावनी
पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि जो अधिकारी शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे, उन्हें निलंबित (सस्पेंड) कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने चेतावनी दी है कि:
- जो अधिकारी ट्रेनी (प्रोबेशन पीरियड) पर हैं, उनकी सेवाएं खत्म की जा सकती हैं।
- अन्य अधिकारियों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- इस तरह की छुट्टी को “ब्रेक ऑफ सर्विस” माना जाएगा, जिससे नौकरी पर असर पड़ सकता है।
जनता को हो रही है परेशानी
तहसील और सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में आम लोग अपने ज़मीन-जायदाद के कामों के लिए जाते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण रजिस्ट्री, दाखिल-खारिज, नामांतरण, म्यूटेशन जैसे जरूरी काम रुक गए हैं। इससे किसानों, व्यापारियों और आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार की सख्ती का असर क्या होगा?
अब देखना यह होगा कि राजस्व अधिकारी सरकार की इस चेतावनी को मानते हैं या नहीं। अगर वे ड्यूटी पर नहीं लौटते, तो सरकार उन्हें हटाकर नए अफसरों की तैनाती कर सकती है।
पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जनता के काम किसी भी हालत में रोके नहीं जाएंगे।