
पंजाब सरकार के “युद्ध नशों के विरुद्ध” अभियान के तहत अमृतसर पुलिस ने नशे के कारोबार से जुड़े एक बड़े ड्रग माफिया को गिरफ्तार किया है। इस बारे में जानकारी पंजाब पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमोलक सिंह और उसके बेटे महाबीर सिंह के रूप में हुई है। दोनों तरनतारन जिले के गांव ठठा के रहने वाले हैं और लंबे समय से ड्रग तस्करी में शामिल थे। पुलिस ने छापेमारी के दौरान इनके कब्जे से 1 लाख रुपये की ड्रग मनी, एक फर्जी हथियार लाइसेंस, दो हथियार (एक .30 बोर पिस्टल और .306 स्प्रिंगफील्ड राइफल), जिंदा कारतूस और एक टोयोटा कोरोला कार बरामद की है।
एक साल से फरार थे आरोपी
अमोलक सिंह और महाबीर सिंह के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (21C, 23, 271 और 29) और आईपीसी (212, 216) की धाराओं के तहत मामला दर्ज था। इनके खिलाफ 20 जनवरी 2024 को एफआईआर नंबर 15 दर्ज की गई थी, लेकिन दोनों आरोपी एक साल से पुलिस की पकड़ से बाहर थे।
इससे पहले, इस मामले में सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो सगे भाई मनजीत सिंह उर्फ मन्ना और लवजीत सिंह उर्फ लव शामिल हैं। ये दोनों भी बड़े ड्रग तस्कर माने जाते थे। इनकी गिरफ्तारी के समय 3 किलो हेरोइन, 5 लाख रुपये की ड्रग मनी और कई वाहन बरामद किए गए थे।
2015 से फरार थे आरोपी, 260 किलो हेरोइन बरामदगी से जुड़े थे
पुलिस जांच में सामने आया है कि मनजीत और लवजीत 2015 से फरार थे और ये मुंबई DRI (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) द्वारा 260 किलो हेरोइन और दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा 356 किलो हेरोइन की बरामदगी से जुड़े थे।
ड्रग कार्टेल चला रहा था अमोलक सिंह
DGP गौरव यादव ने बताया कि अमोलक सिंह 2019 में जेल से बाहर आया था, लेकिन उसके बाद भी वह अवैध गतिविधियों में सक्रिय रहा। वह अपने बेटे महाबीर सिंह के साथ मिलकर एक बड़ा ड्रग नेटवर्क चला रहा था।
पुलिस के अनुसार, अमोलक सिंह के खिलाफ पंजाब में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 10 मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय से फरार था और अलग-अलग ठिकानों पर रहकर अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करता रहा।
फर्जी हथियार लाइसेंस भी मिला
जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि अमोलक सिंह के पास से बरामद हुआ हथियार लाइसेंस फर्जी था। इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही और खुलासे होने की उम्मीद है।
अमृतसर के प्रीत विहार में हुई थी गिरफ्तारी
अमृतसर के पुलिस आयुक्त (CP) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी अमृतसर के प्रीत विहार इलाके में मौजूद हैं। इसके बाद पुलिस टीमों ने उनके घर पर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि ये दोनों आरोपी पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी संपत्तियों के मालिक हैं और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदलते रहते थे।
नशा तस्करों पर पुलिस का शिकंजा और सख्त
पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस लगातार बड़े ड्रग माफियाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चला रही है।
यह गिरफ्तारी नशे के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे पंजाब में ड्रग माफिया का नेटवर्क कमजोर होगा और सरकार का “नशा मुक्त पंजाब” बनाने का सपना हकीकत के करीब पहुंचेगा।