
कनाडा ने हाल ही में अपने इमिग्रेशन नियमों को सख्त कर दिया है, जिससे टूरिस्ट वीज़ा प्राप्त करने वालों की संख्या में बड़ी कमी देखी गई है। खासतौर पर पंजाबी समुदाय को इस बदलाव का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
3 लाख वीज़ा कम जारी किए गए
2023 में कनाडा ने कुल 18 लाख टूरिस्ट वीज़ा जारी किए थे, लेकिन 2024 में यह संख्या घटकर 15 लाख रह गई। यानी 1 साल में 3 लाख वीज़ा कम जारी किए गए। इस कटौती में 60% से ज्यादा पंजाबी मूल के लोग शामिल हैं, क्योंकि पंजाब से बड़ी संख्या में लोग कनाडा यात्रा करते हैं।
पंजाबी समुदाय पर असर
कनाडा में करीब 12 लाख पंजाबी मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से 5 लाख 20 हजार पंजाबी भाषा बोलते हैं। पंजाब से हर साल करीब 1.5 लाख छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा जाते हैं। इसके अलावा, कई पंजाबी विवाह, पारिवारिक समारोह और अन्य कार्यों के लिए कनाडा आते-जाते रहते हैं। लेकिन अब वीज़ा नियमों में सख्ती के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
क्यों किया गया बदलाव?
कनाडा ने 2021 में 2,36,000 भारतीयों को टूरिस्ट वीज़ा जारी किया था, जो 2022 में बढ़कर 11 लाख 67 हजार 999 हो गया। 2023 में यह आंकड़ा 18 लाख तक पहुंच गया, जिसमें 60% पंजाबी थे। लेकिन 2024 में टूरिस्ट वीज़ा की संख्या घटकर 15 लाख रह गई।
2024 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में वीज़ा जारी करने की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन जुलाई-अगस्त में अचानक इसमें भारी गिरावट आई। कई लोगों को वीज़ा आवेदन में रिफ़्यूज़ल (अस्वीकृति) का सामना करना पड़ा।
क्या हैं वीज़ा कटौती के कारण?
कनाडा में टूरिस्ट वीज़ा में कटौती के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- वीज़ा प्रक्रिया में सख्ती – कनाडा सरकार ने टूरिस्ट वीज़ा के नियम सख्त कर दिए हैं।
- भारत-कनाडा संबंधों में तनाव – हाल ही में भारत और कनाडा के कूटनीतिक रिश्तों में खटास आई है, जिससे वीज़ा प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
- नकली वीज़ा आवेदन – बहुत से फर्जी दस्तावेज़ और गलत तरीकों से वीज़ा प्राप्त करने की कोशिशों के कारण कनाडा ने जांच प्रक्रिया को कड़ा कर दिया है।
- शरणार्थियों की बढ़ती संख्या – कई लोग टूरिस्ट वीज़ा पर जाकर वहीं रुकने की कोशिश करते हैं, जिससे कनाडा सरकार सतर्क हो गई है।
कनाडा द्वारा टूरिस्ट वीज़ा में कटौती और सख्त नियमों का सबसे ज्यादा असर भारतीयों, खासतौर पर पंजाबियों पर पड़ा है। अब वीज़ा प्राप्त करना पहले से मुश्किल हो गया है, जिससे उन लोगों को परेशानी हो रही है जो अपने परिवार से मिलने या समारोहों में शामिल होने के लिए कनाडा जाते थे।
भविष्य में भारत और कनाडा के संबंधों में सुधार होता है या नहीं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे वीज़ा नीति में फिर से बदलाव हो सकता है।