
पंजाब में नशे के खिलाफ सरकार की “युद्ध नशों विरुद्ध” मुहिम तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को पूरे राज्य से भारी समर्थन मिल रहा है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, जो इस अभियान की कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन भी हैं, ने तरनतारन, पठानकोट और गुरदासपुर जिलों का दौरा किया और स्थानीय प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि इस सख्त कार्रवाई के कारण नशा तस्कर या तो राज्य छोड़कर भाग रहे हैं या पुलिस की गिरफ्त में आ रहे हैं।
तरनतारन में बैठक – नशे के खिलाफ जन आंदोलन की जरूरत
तरनतारन में हुई बैठक में कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए एक व्यापक जन आंदोलन की जरूरत है। खडूर साहिब के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा ने बताया कि 80 गांवों ने नशे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पास किए हैं। इसके अलावा, 87 गांवों में युवाओं को खेलों की ओर मोड़ने के लिए वॉलीबॉल किटें वितरित की जाएंगी।
इस दौरान तरनतारन के एसएसपी अभिमन्यु राणा ने पुलिस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल 26 करोड़ रुपये की संपत्ति नशा तस्करों से अटैच की गई थी, जबकि इस साल अब तक 2 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इसके अलावा, 80 तस्करों को हिरासत में लिया गया है और 13 किलो हेरोइन जब्त की गई है।
पठानकोट में नशा विरोधी अभियान तेज
पठानकोट में आयोजित बैठक में कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्ण सलारिया भी शामिल हुए। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि पठानकोट पुलिस और हिमाचल पुलिस मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशा तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त अभियान चलाएंगी।
इसके अलावा, पठानकोट जिले में करीब 500 गांव-स्तरीय और वार्ड-स्तरीय कमेटियां बनाई गई हैं, जो नशे के व्यापार को पूरी तरह खत्म करने में मदद करेंगी।
गुरदासपुर में मेडिकल स्टोरों और नशा छुड़ाने के केंद्रों की होगी कड़ी जांच
गुरदासपुर में आयोजित बैठक में कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक और डेरा बाबा नानक के विधायक गुरदीप सिंह रंधावा भी मौजूद थे। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग को जिले के सभी मेडिकल स्टोरों की विशेष जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
वित्त मंत्री चीमा ने स्पष्ट किया कि अगर कोई मेडिकल स्टोर प्रतिबंधित दवाएं बेचता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा, फर्जी डॉक्टरी पेशे के जरिए नशा बेचने वालों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सिविल सर्जन को 10 दिनों के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में ओट केंद्रों (ओपिओइड ट्रीटमेंट केंद्रों) और पुनर्वास केंद्रों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। डिप्टी कमिश्नर आदित्य उप्पल ने बताया कि गुरदासपुर प्रशासन ने ‘उम्मीद’ अभियान की शुरुआत की है, जिसमें युवाओं को नशे से बचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
नशा तस्करों पर पुलिस की सख्ती
बैठक के दौरान डीआईजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह, एसएसपी गुरदासपुर आदित्य और एसएसपी बटाला सोहेल कासिम मीर ने नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि जिले में कई हॉटस्पॉट इलाकों में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
नशा मुक्त पंजाब की ओर एक मजबूत कदम
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे भी इस अभियान में सरकार का साथ दें और अपने गांवों व शहरों को नशामुक्त बनाने के लिए जागरूकता फैलाएं।
नशा तस्करों के खिलाफ जंग जारी!
इस अभियान से साफ है कि पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सरकारी स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की भागीदारी से लड़ी जा रही है। अगर पुलिस और जनता मिलकर इस लड़ाई को जारी रखते हैं, तो जल्द ही पंजाब नशामुक्त राज्य बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा सकेगा।