
दक्षिण अमेरिका के देश चिली के उत्तरी हिस्से में गुरुवार, 6 मार्च को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। राहत की बात यह है कि भूकंप के बाद सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई।
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भूकंप का केंद्र कहां था?
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप सैन पेड्रो डी अटाकामा से 104 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में आया। यह क्षेत्र चिली और बोलीविया की सीमा के पास उत्तरी रेगिस्तान के किनारे स्थित एक छोटा सा शहर है।
USGS ने बताया कि यह दोपहर 12:21 बजे (स्थानीय समय) आया और इसकी गहराई 93 किलोमीटर थी। भूकंप के झटके आसपास के इलाकों में भी महसूस किए गए, लेकिन किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
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भूकंप से नुकसान का आकलन जारी
चिली की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने इस भूकंप को ‘मध्यम तीव्रता’ का बताया है। अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी संभावित नुकसान का आकलन कर रहे हैं। हालात पर नजर रखी जा रही है, लेकिन अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।
सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि भूकंप के बाद सुनामी आने की कोई आशंका नहीं है।
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चिली में भूकंप क्यों आते हैं?
चिली भूकंप के लिए सबसे अधिक संवेदनशील देशों में से एक है। यह देश ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है, जो चिली से अलास्का तक फैला हुआ क्षेत्र है। इस क्षेत्र में प्रशांत महासागर के नीचे टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे भूकंप और सुनामी की घटनाएं होती हैं।
2010 में चिली में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। इस भयानक भूकंप के बाद आई सुनामी में 526 लोगों की मौत हो गई थी और भारी तबाही मची थी।
उस भयानक आपदा के बाद, चिली सरकार ने आपातकालीन व्यवस्थाओं में सुधार किया और इमारतों में शॉक-एब्जॉर्बिंग डिवाइस लगाने की शुरुआत की, ताकि नुकसान को कम किया जा सके और इमारतों को गिरने से बचाया जा सके।
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हाल ही में चार देशों में आए थे भूकंप
28 फरवरी 2025 को भारत समेत चार देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। तीन घंटे के भीतर भारत, नेपाल, तिब्बत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में भूकंप आया।
भारत के पटना में सुबह 2:35 बजे तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 दर्ज की गई थी।
हालांकि चिली में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि यह देश भूकंप के खतरे में रहता है। सरकार की तैयारियों और आपदा प्रबंधन उपायों की वजह से जान-माल का नुकसान कम हुआ है।
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन सही तैयारी और मजबूत संरचनाओं से इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।