
पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज कर दिया है। कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने साफ शब्दों में कहा है कि राज्य से नशे का पूरी तरह से खात्मा होने तक सरकार चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे आत्मसमर्पण कर दें या फिर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
नशे के खिलाफ सरकार की सख्त मुहिम
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में बनी पांच सदस्यीय कैबिनेट कमेटी नशे के खात्मे के लिए पूरी तरह सक्रिय है। इसी मुहिम के तहत अमन अरोड़ा ने वित्त मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां के साथ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की। उन्होंने पंजाब पुलिस को पूरी छूट देते हुए कहा कि वे नशा तस्करों के खिलाफ बिना किसी दबाव के कड़ी कार्रवाई करें।
उन्होंने यह भी कहा कि नशे की समस्या से लड़ना सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नशे की तस्करी करने वालों की जानकारी पुलिस को दें ताकि इस बुराई को जड़ से खत्म किया जा सके।
अब तक हुई कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ 1 से 4 मार्च के बीच 580 नए मामले दर्ज किए हैं और 789 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, 170 किलो से ज्यादा नशीले पदार्थ जब्त किए गए और राज्यभर में 60 अवैध इमारतों को ध्वस्त किया गया।
नशा तस्करों की संपत्तियों पर शिकंजा
बैठक में शामिल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशा तस्करों की करोड़ों रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इसके साथ ही, जिन इलाकों में नाजायज कब्जे किए गए थे, वहां भी कार्रवाई की गई है। पंजाब पुलिस हर दिन बड़े नशा तस्करों को गिरफ्तार कर रही है और जल्द ही इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए कि वे कैमिस्ट की दुकानों और सड़क किनारे अवैध रूप से बिक रही दवाओं की जांच करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दुकान से नशे से जुड़ी दवाएं गैरकानूनी रूप से ना बेची जाएं।
समाज को जोड़ने की अपील
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार सिविल सोसाइटी, शिक्षण संस्थानों, उद्योगों और गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग भी ले रही है। जनता को जागरूक करने के लिए थिएटर, सोशल मीडिया, स्कूलों में नशे के खिलाफ भाषण, दीवारों पर पोस्टर और बड़ी मैराथन आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
नशा छुड़ाने के लिए रिहैब सेंटर मजबूत किए जाएंगे
डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने बताया कि नशे के आदी लोगों को सही इलाज और पुनर्वास सेवाएं देने के लिए कपूर अस्पताल को अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। नशे से बाहर आने वाले लोगों को नई नौकरियों और हुनर सीखने के अवसर भी दिए जाएंगे, जिससे वे अपने जीवन को दोबारा संवार सकें।
सरकार की ओर से कड़ा संदेश
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने दोहराया कि पंजाब में नशे की कोई जगह नहीं है। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह तैयार हैं और नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस अभियान में सरकार का साथ दें ताकि पंजाब को नशा मुक्त बनाया जा सके।