
ओला इलेक्ट्रिक इन दिनों मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। देश के कई राज्यों में ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने ओला इलेक्ट्रिक के शोरूमों पर छापेमारी की है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के कई शोरूम जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट के बिना काम कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओला के 4,000 से ज्यादा शोरूम में से कई के पास यह जरूरी लाइसेंस नहीं है।
कैसे हुआ खुलासा?
ग्राहकों की शिकायतों के बाद प्रशासन ने छापेमारी की। इस दौरान कई शोरूम में अनियमितताएं पाई गईं, कुछ वाहनों को जब्त किया गया और कंपनी को नोटिस जारी किया गया।
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, जो भी डीलर बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों की बिक्री करता है, उसे वैध व्यापार प्रमाणपत्र (ट्रेड सर्टिफिकेट) लेना अनिवार्य है। लेकिन ओला के कई शोरूमों के पास यह नहीं था, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट
इस खबर के सामने आते ही ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई।
- स्टॉक 56.36 रुपये पर खुला और गिरकर 54.12 रुपये तक पहुंच गया।
- पिछले 52 हफ्तों में इसका सबसे ऊंचा स्तर 157.40 रुपये और सबसे निचला स्तर 53.62 रुपये रहा है।
ओला इलेक्ट्रिक का जवाब
ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने इन आरोपों को बेबुनियाद और पक्षपाती बताया है। उन्होंने कहा कि,
“हमारे सभी वितरण केंद्र और गोदाम मोटर व्हीकल एक्ट के सभी नियमों का पालन करते हैं और उनके पास सभी जरूरी परमिट हैं।“
हालांकि, कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि उसके सभी शोरूमों के पास ट्रेड सर्टिफिकेट हैं या नहीं।
ओला इलेक्ट्रिक के सामने बढ़ती चुनौतियां
ओला पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रही है, जिनमें शामिल हैं:
- शेयर लिस्टिंग के बाद 60% गिरावट – जब से ओला इलेक्ट्रिक का शेयर बाजार में लिस्ट हुआ है, उसकी वैल्यू में भारी गिरावट आई है।
- ग्राहकों की शिकायतें – ओला के स्कूटर की गुणवत्ता और बिक्री के बाद मिलने वाली सेवा को लेकर लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं।
- बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी – कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
- नई इलेक्ट्रिक बाइक की लॉन्चिंग में देरी – ओला अपनी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल लॉन्च करने वाली थी, लेकिन इसमें लगातार देरी हो रही है।
अब ट्रेड सर्टिफिकेट विवाद ने कंपनी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
क्या होगा अगर ओला दोषी पाई जाती है?
अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि ओला इलेक्ट्रिक ने नियमों का उल्लंघन किया है, तो
- कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
- कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
- इसके कुछ शोरूम बंद किए जा सकते हैं।
ओला के ग्राहकों और निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
- जो लोग ओला स्कूटर खरीद चुके हैं, उन्हें कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता हो सकती है।
- जो ग्राहक नया स्कूटर खरीदने की सोच रहे थे, वे अब सतर्क हो सकते हैं।
- जो लोग ओला के शेयर खरीद चुके हैं, वे नुकसान में आ सकते हैं अगर कीमतें और गिरती हैं।
ओला इलेक्ट्रिक को लेकर सरकार की सख्ती बढ़ गई है। बिना लाइसेंस के शोरूम चलाना कंपनी के लिए भारी पड़ सकता है। अगर कंपनी इस मामले को सही तरीके से नहीं संभालती, तो ग्राहकों का भरोसा और निवेशकों का पैसा दोनों दांव पर लग सकते हैं।