
एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के करीब पहुंच चुका है, जिससे उत्तर भारत में मौसम बदलने वाला है। इस विक्षोभ के कारण मध्य पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सिस्टम के चलते 10 से 15 या 16 मार्च तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। समय के साथ बारिश की तीव्रता में बदलाव देखा जा सकता है।
किन इलाकों में दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर?
पश्चिमी विक्षोभ का असर केवल पहाड़ी इलाकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तर भारतीय मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा।
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार:
11 मार्च को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
उत्तर पंजाब, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी हल्की बारिश के आसार हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश गरज के साथ हो सकती है।
कैसा रहेगा मौसम उत्तर भारत में?
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में 12 से 14 मार्च के बीच बादल छाए रहेंगे।
इन इलाकों में कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी या हल्की बारिश हो सकती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ से क्या होगा असर?
1. बर्फबारी – हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से पर्यटन और यातायात पर असर पड़ सकता है।
2. बारिश और ओलावृष्टि – पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरने की संभावना है।
3. तापमान में गिरावट – बारिश और बादलों के चलते दिन के तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे ठंडक बनी रहेगी।
यात्रियों और किसानों के लिए अलर्ट
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के कारण यातायात प्रभावित हो सकता है। अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ताजा अपडेट जरूर देखें।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करें, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां ओलावृष्टि हो सकती है।
अगले कुछ दिनों का मौसम कैसा रहेगा?
14 और 15 मार्च को पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होगा, लेकिन उत्तर भारत के कई इलाकों में हल्की बारिश जारी रह सकती है।
16 मार्च के बाद मौसम सामान्य होने लगेगा और तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी।
इस पश्चिमी विक्षोभ का असर हिमालयी क्षेत्रों से लेकर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों तक देखा जाएगा। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखें और सावधानी बरतें।