
टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने भी अब एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ हाथ मिला लिया है। इससे पहले भारती एयरटेल ने स्टारलिंक के साथ सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का समझौता किया था। एयरटेल ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंज में जानकारी दी थी। अब रिलायंस जियो ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्टारलिंक के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा लाने के लिए समझौता किया है।
भारत के दूर-दराज इलाकों में मिलेगा तेज इंटरनेट
इस समझौते के तहत, रिलायंस जियो पूरे भारत में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराएगा। खासतौर पर, देश के उन ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों में, जहां अभी इंटरनेट की सुविधा सीमित है। जियो कंपनी ने कहा है कि यह समझौता छोटे और मध्यम कारोबारों, स्टार्टअप्स, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य व्यवसायों को भरोसेमंद इंटरनेट सेवा देने में मदद करेगा।
स्टारलिंक इंटरनेट से होंगे कई फायदे
स्टारलिंक इंटरनेट के जरिए वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और वीडियो कॉलिंग जैसी सेवाएं आसानी से इस्तेमाल की जा सकेंगी। इस समझौते के बाद, रिलायंस जियो के सीईओ मैथ्यू ओमन ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि देश के हर व्यक्ति को, चाहे वह कहीं भी रहता हो, सस्ती और तेज़ ब्रॉडबैंड सेवा मिले।
एयरटेल भी कर चुका है समझौता
इससे पहले, मंगलवार देर शाम भारती एयरटेल ने भी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा के लिए समझौता किया था। एयरटेल इस सेवा को अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराएगा।
क्या है स्टारलिंक?
स्टारलिंक एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है जो दुनिया के 100 से अधिक देशों में उपलब्ध है। यह सेवा स्पेसएक्स कंपनी द्वारा संचालित होती है और 7,000 से अधिक लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के नेटवर्क से चलती है।
कैसे मिलेगा तेज़ इंटरनेट?
अभी तक, इंटरनेट सेवाएं फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावरों पर आधारित होती हैं। लेकिन स्टारलिंक सैटेलाइट आधारित नेटवर्क है।
स्टारलिंक छोटे सैटेलाइट्स, ग्राउंड स्टेशन और उपभोक्ता टर्मिनल के जरिए इंटरनेट सेवा प्रदान करता है।
स्टारलिंक इंटरनेट की खासियतें
- धरती से सिर्फ 550 किलोमीटर दूर सैटेलाइट्स होने के कारण नेटवर्क की स्पीड और रिस्पॉन्स टाइम बेहतर होता है।
- यह 150 Mbps तक की स्पीड देने का दावा करता है।
- यह सेवा रिमोट और ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
कैसे काम करेगा स्टारलिंक?
स्टारलिंक सेवा के लिए एक किट दी जाती है, जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड शामिल होते हैं।
इंटरनेट की अच्छी स्पीड के लिए डिश एंटीना को खुले आसमान के नीचे रखना जरूरी होता है।
स्टारलिंक की एक मोबाइल ऐप (iOS और Android) भी उपलब्ध है, जिससे सेटअप और नेटवर्क मॉनिटरिंग आसानी से की जा सकती है।
एयरटेल और जियो, दोनों कंपनियों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी कर ली है। इससे भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट की नई क्रांति आ सकती है, खासकर उन इलाकों में जहां अब तक इंटरनेट की सुविधा सीमित थी। अब देखना यह होगा कि स्टारलिंक इंटरनेट भारत में कब तक लॉन्च होता है और इसकी कीमत क्या होगी।