
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। कुछ समय पहले, 52 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया था, जिनमें इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, एएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल थे। इन पुलिसकर्मियों में से कुछ भ्रष्टाचार में लिप्त थे, जबकि कुछ लंबे समय से ड्यूटी से गायब थे। अब सरकार लुधियाना और जगरांव के कई पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
16 पुलिसकर्मियों की सेवाएं होंगी समाप्त, 4 होंगे बर्खास्त
पंजाब पुलिस विभाग ने ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर ली है, जिन पर कार्रवाई की जानी है। रिपोर्ट के अनुसार, 16 पुलिसकर्मियों की सेवाएं खत्म करने और 4 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया जारी है। इनमें से कुछ ड्यूटी से नदारद हैं, तो कुछ पर भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक मामलों में शामिल होने के आरोप हैं।
इन पुलिसकर्मियों पर दर्ज हैं गंभीर मामले:
1️⃣ कांस्टेबल सुखविंदर सिंह –
🔹 29 सितंबर 2022 को थाना डिवीजन नंबर 8 में तैनात सुखविंदर सिंह पर हत्या का केस दर्ज किया गया था। उसने अपनी सरकारी रिवॉल्वर से प्रेमिका को गोली मार दी थी।
2️⃣ एएसआई चरणजीत सिंह –
🔹 2 जुलाई 2024, को विजिलेंस ब्यूरो ने थाना डिवीजन नंबर 5 में तैनात चरणजीत सिंह को 2.70 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह एक होटल कारोबारी से पैसे ले रहा था।
3️⃣ कांस्टेबल रणजीत सिंह –
🔹 10 फरवरी 2025 को चौकी कंगनवाल में तैनात रणजीत सिंह पर डिजिटल पेमेंट के जरिए रिश्वत लेने का केस दर्ज किया गया था।
4️⃣ कांस्टेबल मनजीत सिंह –
🔹 6 दिसंबर 2024 को थाना सदर जगराओं में तैनात मनजीत सिंह पर स्नैचिंग (झपटमारी) का केस दर्ज किया गया था। वह तब से फरार है और ड्यूटी से भी गैरहाजिर है।
5️⃣ इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह –
🔹 कुलदीप सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
6️⃣ हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, कांस्टेबल इंदरजीत सिंह और विकास –
🔹 ये तीनों पुलिसकर्मी ड्रग्स से जुड़े मामलों में शामिल थे, इसलिए इन्हें बर्खास्त किया गया था।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाएगी सरकार
सरकार ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में और भी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा सकती है। इस फैसले से ईमानदार पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन मिलेगा और जनता का कानून व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा।
पंजाब सरकार की यह कार्रवाई साफ संदेश देती है कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं किया जाएगा। इससे न केवल भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम लगेगी, बल्कि जनता को भी न्याय मिलने में आसानी होगी।