
चंडीगढ़ में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) की अंतरिम समिति की बैठक हुई। इस बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया, जिसमें एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया।
हरजिंदर सिंह धामी को मनाने की कोशिशें जारी
बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि वे हरजिंदर सिंह धामी को मनाने की कोशिश करेंगे और उनसे इस्तीफा वापस लेने की अपील करेंगे। इस फैसले के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि धामी एक बार फिर एस.जी.पी.सी. के प्रधान के रूप में अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं।
क्यों दिया था इस्तीफा?
गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले हरजिंदर सिंह धामी ने नैतिक आधार पर एस.जी.पी.सी. के प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका यह कदम अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह के सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी के बाद आया था।
दरअसल, ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के पद से हटाने के तरीके की ज्ञानी रघुबीर सिंह ने आलोचना की थी। इसके बाद धामी ने इस्तीफा देकर अपना विरोध जताया।
पहले भी हुई थीं कोशिशें, लेकिन धामी रहे अडिग
धामी को मनाने की पहले भी कई कोशिशें की गई थीं, लेकिन उन्होंने इस्तीफा वापस लेने से साफ इनकार कर दिया था। अब जब एस.जी.पी.सी. की अंतरिम समिति ने उनका इस्तीफा खारिज कर दिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह दोबारा इस पद को संभालते हैं या अपने फैसले पर अडिग रहते हैं।
आगे क्या होगा?
अगर धामी अपना इस्तीफा वापस ले लेते हैं, तो वह एस.जी.पी.सी. के प्रधान के रूप में अपने कार्यकाल को जारी रखेंगे। लेकिन अगर वह दोबारा इनकार करते हैं, तो कमेटी को किसी अन्य योग्य व्यक्ति की तलाश करनी होगी।
👉 अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि हरजिंदर सिंह धामी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे या नहीं।