
केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों के साथ बातचीत करने का फैसला किया है। सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर को बैठक में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा है। यह बैठक 19 मार्च को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी।
क्यों कर रहे हैं किसान प्रदर्शन?
किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद को कानूनी दर्जा दिया जाए।
- पहले किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाएं।
- किसानों की अन्य समस्याओं का समाधान किया जाए।
केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है। इससे पहले भी 22 फरवरी को एक बैठक हुई थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था।
19 मार्च की बैठक क्यों है खास?
यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किसान लंबे समय से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से ठोस आश्वासन की मांग कर रहे हैं। पहले की बैठकों में कोई बड़ा हल नहीं निकल पाया था, लेकिन इस बार उम्मीद की जा रही है कि कोई समाधान निकल सकता है।
सरकार का कहना है कि वह किसानों की समस्याओं को हल करना चाहती है और उनके साथ बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहती है। दूसरी ओर, किसान संगठन सरकार से लिखित आश्वासन और ठोस फैसले की मांग कर रहे हैं।
क्या हो सकता है आगे?
अगर 19 मार्च की बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता, तो किसान अपने आंदोलन को और तेज कर सकते हैं। इससे पहले भी, किसानों ने दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी थी, जिसे रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए थे।
अब देखना होगा कि क्या सरकार और किसान मिलकर इस मुद्दे का हल निकाल पाते हैं या फिर किसानों को दोबारा आंदोलन तेज करना पड़ेगा।