
पंजाब सरकार ने नशे और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने तरनतारण में एंटी-ड्रोन सिस्टम के ट्रायल की घोषणा की है। यह सिस्टम ड्रोन के जरिए हो रही अवैध तस्करी को रोकने में बड़ी भूमिका निभाएगा। पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े इलाकों में ड्रोन के माध्यम से नशे, हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी लगातार एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इस तकनीक के इस्तेमाल से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
कैसे करेगा एंटी-ड्रोन सिस्टम काम?
यह सिस्टम उन ड्रोन को पकड़ने और बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पाकिस्तान या अन्य जगहों से पंजाब में नशा, हथियार और विस्फोटक लाने की कोशिश करते हैं। यह खासतौर पर बॉर्डर इलाकों में निगरानी के लिए उपयोग किया जाएगा। जैसे ही कोई संदिग्ध ड्रोन सीमा के पास आता है, यह सिस्टम उसे तुरंत डिटेक्ट (पता लगा) कर लेगा और उसे नष्ट कर देगा या उसकी दिशा बदल देगा।
पंजाब में नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
पंजाब सरकार लंबे समय से राज्य में नशे की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कई बार ऐसे ड्रोन पकड़े हैं, जिनमें हेरोइन, हथियार और अन्य अवैध सामग्री पाई गई है। इस नई एंटी-ड्रोन तकनीक के जरिए इन गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
आज होगा बड़ा ट्रायल
तरनतारण में होने वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम के ट्रायल में पंजाब सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। यह देखा जाएगा कि यह सिस्टम कितनी तेजी और प्रभावी ढंग से ड्रोन को पकड़ सकता है। अगर ट्रायल सफल होता है, तो यह सिस्टम पंजाब के अन्य संवेदनशील इलाकों में भी लगाया जाएगा।
सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
यह कदम केवल नशे के खिलाफ लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि आतंकवाद और सीमा पार से होने वाली अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए भी अहम साबित होगा। पंजाब सरकार का यह फैसला राज्य की सुरक्षा को और मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।