
पंजाब सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में नशा करने वालों की जनगणना कराने का ऐलान किया है। यह देश की पहली ड्रग जनगणना होगी, जिसमें सरकार की एजेंसियां घर-घर जाकर नशा पीड़ितों का डेटा तैयार करेंगी। इस डेटा को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा और इसके आधार पर पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास की योजना बनाई जाएगी।
इस अनोखी पहल की घोषणा आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने की। उन्होंने बताया कि ड्रग जनगणना 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होगी। इस दौरान नशे में फंसे लोगों की पहचान कर उन्हें सही इलाज और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान और केजरीवाल ने लुधियाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह जानकारी साझा की।
ड्रग्स के खिलाफ बड़ी योजना
पंजाब सरकार सिर्फ नशा पीड़ितों की पहचान ही नहीं करेगी, बल्कि उनके इलाज और पुनर्वास के लिए एक विशेष पैकेज भी तैयार करेगी। सरकार उन्हें डि-एडिक्शन सेंटर्स (नशा छुड़ाओ केंद्रों) और पुनर्वास केंद्रों के जरिए सामान्य जीवन में वापस लाने का प्रयास करेगी।
केजरीवाल ने कहा कि “हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक पंजाब को नशामुक्त नहीं बना लेते”। उन्होंने आगे बताया कि हर गांव में खेल मैदान और जिम बनाए जा रहे हैं, ताकि युवा नशे की जगह खेल-कूद और फिटनेस की ओर बढ़ें। तारण-तारण जिले के 87 गांवों में खेल मैदान पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।
नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई
नशा तस्करों के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा। केजरीवाल ने नशा विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9779100200 जारी किया, जिस पर लोग गुप्त रूप से नशा तस्करों की जानकारी साझा कर सकते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जानकारी देने वालों की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
कैसे होगी ड्रग जनगणना?
✅ सरकारी टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी।
✅ हर नशा पीड़ित का डेटा गोपनीय रूप से दर्ज किया जाएगा।
✅ उन्हें मुफ्त इलाज और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी।
✅ सरकार उनकी काउंसलिंग कर उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश करेगी।
जनता का क्या कहना है?
🔹 “यह एक बहुत अच्छी पहल है। अगर सही तरीके से लागू किया जाए, तो पंजाब को नशे से बचाया जा सकता है।” – हरदीप सिंह, लुधियाना
🔹 “हम चाहते हैं कि पुलिस सिर्फ छोटे तस्करों को ही नहीं, बल्कि बड़े माफियाओं को भी पकड़कर सजा दे।” – अमरजीत कौर, अमृतसर
सरकार की प्रतिबद्धता
पंजाब सरकार का यह फैसला राज्य को नशामुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ड्रग जनगणना के बाद सरकार को नशे की सही स्थिति का पता चलेगा और वह उसके अनुसार रणनीति बना सकेगी। पंजाब अब देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां नशे की समस्या को वैज्ञानिक तरीके से हल करने की कोशिश की जाएगी। यदि आपके इलाके में नशा तस्करी हो रही है, तो हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें और पंजाब को नशा मुक्त बनाने में मदद करें!