
पंजाब, जो कभी खेलों में देश का सिरमौर था, पिछले कुछ वर्षों में पिछड़ गया था। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार अब इस गौरव को फिर से स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार ने खेल नीति लागू कर खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।
खेल बजट में ऐतिहासिक वृद्धि
खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए 2024-25 में खेल क्षेत्र के लिए 979 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिससे राज्य में खेल सुविधाओं का व्यापक विस्तार होगा।
हर गांव में खेल मैदान और इनडोर जिम
पंजाब सरकार खेलों को ग्रामीण स्तर पर मजबूत करने के लिए हर गांव में खेल मैदान विकसित कर रही है। इसके अलावा, 3,000 गांवों में इनडोर जिम भी बनाए जा रहे हैं, जिससे युवा खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं मिलेंगी।
13 खेल उत्कृष्टता केंद्र (Centers of Excellence) की स्थापना
राज्य में 13 Centers of Excellence स्थापित किए जा रहे हैं, जहां खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है ताकि खिलाड़ी एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक जैसी प्रतिस्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
“खेड़ा वतन पंजाब दियाँ” को मिल रही अपार सफलता
राज्य सरकार ने “खेड़ा वतन पंजाब दियाँ” नाम से खेल महोत्सव की शुरुआत की थी। अब तक इसके तीन संस्करण हो चुके हैं, जिनमें 5 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया है। इस साल इसका चौथा संस्करण आयोजित किया जाएगा, जिससे खेलों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों को आर्थिक सहयोग
पंजाब सरकार 2026 एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयारियों में जुट गई है। खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उच्चस्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजाब और भारत का नाम रोशन कर सकें।
खिलाड़ियों को पुरस्कार और सरकारी नौकरियां
राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की इनामी राशि खिलाड़ियों को प्रदान की है। इसके साथ ही, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां (DSP/PCS) भी दी जा रही हैं, जिससे उन्हें करियर की स्थिरता मिल सके।
खेलों के जरिए नशे के खिलाफ लड़ाई
पंजाब सरकार खेलों को “युद्ध नशे दे विरुद्ध” अभियान का अहम हिस्सा बना रही है। युवाओं को खेलों से जोड़कर नशे से दूर रखने की कोशिश की जा रही है। इससे न केवल युवा स्वस्थ रहेंगे, बल्कि पंजाब एक बार फिर भारतीय खेलों में शीर्ष स्थान पर लौटने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार खेलों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। सरकार के इन प्रयासों से आने वाले वर्षों में पंजाब एक बार फिर देश का प्रमुख खेल राज्य बनेगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी चमक बिखेरेगा।