
एक समय था जब पंजाब का स्वास्थ्य ढांचा बदहाल था। पिछली सरकारों—चाहे कांग्रेस की हो या अकाली-बीजेपी की—ने स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अस्पतालों की हालत खस्ता थी, डॉक्टरों की भारी कमी थी और आम जनता को उचित इलाज तक नहीं मिल पाता था। लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने पंजाब को “बीमार पंजाब” से “सेहतमंद पंजाब” बनाने का संकल्प लिया है।
हर परिवार को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ
पंजाब सरकार ने 65 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर में शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। पहले जहां बीमा कवर ₹5 लाख था, अब इसे बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है। इस योजना के तहत ‘मुख्यमंत्री सरबत सेहत बीमा योजना’ के तहत ‘सेहत कार्ड’ जारी किए जाएंगे, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को स्वास्थ्य सुरक्षा मिले। इस पहल के लिए ₹778 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
881 आम आदमी क्लीनिक – हर गली, हर मोहल्ले में स्वास्थ्य सुविधाएं
राज्य सरकार ने आम आदमी को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए 881 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं। इन क्लीनिकों में रोजाना 70,000 से अधिक मरीज इलाज करवाते हैं और अब तक 3 करोड़ से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं। इस सेवा को और मजबूत करने के लिए बजट में ₹268 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इससे हर नागरिक को घर के पास ही बेहतरीन इलाज मिल सकेगा।
दुर्घटना पीड़ितों के लिए “फरिश्ते योजना”
अचानक होने वाली दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान सिर्फ इसलिए चली जाती है क्योंकि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए पंजाब सरकार ने “फरिश्ते योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी जाएगी और उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए सरकार ने ₹10 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं को किया जा रहा अपग्रेड
पंजाब सरकार सिर्फ प्राथमिक चिकित्सा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर रही है। अस्पतालों को नई तकनीकों और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने, नए मेडिकल कॉलेज खोलने और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में भी तेजी से काम किया जा रहा है।
भगवंत मान सरकार की ये पहल पंजाब को स्वस्थ और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब हर व्यक्ति को इलाज के लिए महंगे अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि सरकारी अस्पताल और क्लीनिक ही विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करेंगे। पंजाब अब वास्तव में “बीमार पंजाब” से “सेहतमंद पंजाब” बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।