
आजकल भारत के अमीर लोग विदेश में बसने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच में से एक अमीर भारतीय स्थायी रूप से विदेश में बसने की इच्छा रखता है। इसके लिए वे विदेशों में घर खरीद रहे हैं और वहां निवेश भी कर रहे हैं। इसकी प्रमुख वजहें बेहतर निवेश के अवसर, टैक्स में छूट और ग्लोबल कनेक्टिविटी मानी जा रही हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक के सर्वे का खुलासा
कोटक महिंद्रा बैंक के प्राइवेट बैंकिंग डिवीजन ने भारत के 12 शहरों में 150 अमीरों से बातचीत की। यह सर्वे अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 के बीच किया गया था। इसमें 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति रखने वाले लोग शामिल थे। लेकिन विदेश में बसने की इच्छा रखने वाले अमीरों का विश्लेषण 300 करोड़ रुपये से अधिक नेटवर्थ वाले लोगों के आधार पर किया गया।
सर्वे में पता चला कि भारत के कई अमीर लोग स्थायी रूप से विदेश में रहने या वहां ज्यादा समय बिताने के लिए रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। इनमें से करीब एक तिहाई अमीरों ने पहले से ही विदेश में संपत्ति खरीद रखी है।
भारतीय अरबपति देश-विदेश दोनों में निवेश कर रहे हैं
कोटक महिंद्रा बैंक के कोटक प्राइवेट बैंकिंग के सीईओ ओइशर्या दास के अनुसार, भारत के अमीर निवेश के नए अवसरों की तलाश में हैं। वे न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी संपत्तियां खरीद रहे हैं। इससे उनकी संपत्ति का पोर्टफोलियो और मजबूत हो रहा है।
विदेश में बसने की प्रमुख वजहें
1. कोरोना महामारी का असर: महामारी के दौरान अमीरों को एहसास हुआ कि उन्हें एक सुरक्षित और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले देश में रहने का विकल्प चाहिए।
2. शिक्षा की प्राथमिकता: भारतीय अमीर अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए विदेश को बेहतर विकल्प मानते हैं।
3. ग्लोबल एक्सपोजर: कई अमीर कारोबारी और पेशेवर लोग चाहते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएं, इसलिए वे विदेशों में बस रहे हैं।
4. टैक्स और निवेश के फायदे: कुछ देशों में भारत की तुलना में टैक्स में ज्यादा छूट मिलती है, जिससे अमीर लोग वहां निवेश करने के इच्छुक रहते हैं।
क्या यह ट्रेंड आगे भी बढ़ेगा?
यह रुझान आने वाले वर्षों में और बढ़ सकता है। जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, वैसे ही अमीरों का ग्लोबल लेवल पर विस्तार करने का रुझान भी तेज हो रहा है। हालांकि, इनमें से कई अमीर भारत और विदेश दोनों में संपत्ति रखना पसंद कर रहे हैं, जिससे वे दोनों जगहों के फायदों का लाभ उठा सकें।
भारत के अमीरों की यह सोच बताती है कि वे न केवल अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, बल्कि अपने परिवार को भी बेहतर जीवन देना चाहते हैं। यह बदलाव आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट बाजार को भी प्रभावित कर सकता है।