
पंजाब विधानसभा के सत्र का आज पांचवां दिन था, और इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने गांवों में लगे सोलर पैनलों की खराबी और उनकी मरम्मत को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने इस विषय में ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा से जवाब मांगा।
स्कूलों में लगे सोलर पैनलों की स्थिति
मंत्री अमन अरोड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि अब तक 4,238 स्कूलों में 21.19 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सोलर पैनलों के रखरखाव का काम उस कंपनी को पांच साल के लिए सौंपा जाता है, जिसने पैनल लगाए होते हैं। अगर कोई पैनल खराब होता है, तो कंपनी को उसे तय समय के भीतर ठीक करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी बताया कि विधायक के क्षेत्र में आने वाले फतेहपुर-राजपूता गांव के स्कूलों के सोलर पैनल खराब हो गए थे, लेकिन उनकी जांच कराकर अब मरम्मत का काम शुरू करवा दिया गया है।
सोलर पैनल की मरम्मत पर सख्त कार्रवाई के आदेश
मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि
✅ हर तीन महीने में कंपनियों को सोलर पैनलों की जांच करनी होगी।
✅ अगर पैनल खराब हो जाते हैं, तो उन्हें 72 घंटे के भीतर ठीक करना होगा।
✅ अगर कंपनी तय समय में मरम्मत नहीं करती, तो सरकार उस पर सख्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने सभी विधायकों और मंत्रियों से भी अपील की कि अगर किसी स्कूल में सोलर पैनल खराब हैं और उनकी मरम्मत नहीं हो रही है, तो इसकी जानकारी तुरंत सरकार को दी जाए।
विधायक पठानमाजरा ने उठाई नई मांग
विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने कहा कि जब वह गांवों में दौरा करने गए, तो उन्हें पता चला कि उनके क्षेत्र के 10 गांवों में सोलर पैनल लगाए गए थे, लेकिन कई जगह उनकी मरम्मत नहीं हो रही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि
🔹 गांवों के लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते।
🔹 जब सोलर पैनल खराब हो जाते हैं, तो ना तो गांव के लोग सुनते हैं और ना ही ठेकेदार।
इसलिए, उन्होंने मंत्री से मांग की कि कंपनियों को सख्त चेतावनी दी जाए कि अगर वे समय पर मरम्मत नहीं करतीं, तो उनका ठेका रद्द कर दिया जाए और किसी दूसरी कंपनी को दे दिया जाए।
सरकार की सख्त शर्तें
मंत्री अमन अरोड़ा ने साफ किया कि
📌 सोलर पैनल लगाने के बाद कंपनियों को हर तीन महीने में निरीक्षण करना अनिवार्य होगा।
📌 अगर पैनल खराब होते हैं, तो 72 घंटे के भीतर मरम्मत करनी होगी।
📌 अगर कंपनियां तय समय में पैनल ठीक नहीं करतीं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब विधानसभा में सोलर पैनल की मरम्मत और रखरखाव को लेकर बड़ा मुद्दा उठा। सरकार ने सख्त नियम लागू करने का ऐलान किया है ताकि स्कूलों और गांवों में लगे सोलर पैनल ठीक से काम करें। अब कंपनियों को हर तीन महीने में निरीक्षण करना अनिवार्य होगा और 72 घंटे के भीतर मरम्मत करनी होगी, वरना उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
यह फैसला सौर ऊर्जा के सही उपयोग और स्थायी रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।