
पंजाब पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान ने एक और अहम मुकाम हासिल किया है। इस मुहिम के 37वें दिन, पुलिस ने राज्य भर में 337 जगहों पर छापेमारी की और 54 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इस दौरान 37 एफआईआर दर्ज की गईं।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देशों पर यह ऑपरेशन राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक ही समय पर चलाया गया। इस विशेष मुहिम में नशे के सौदागरों पर नकेल कसने का भरपूर प्रयास किया गया।
क्या-क्या बरामद हुआ?
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से
-
411 ग्राम हैरोइन
-
1,617 नशे की गोलियां
-
₹34,400 की ड्रग मनी बरामद की।
यह साबित करता है कि पंजाब पुलिस नशे के नेटवर्क को तोड़ने में जुटी हुई है और इसके लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है।
किसने की निगरानी?
इस ऑपरेशन की निगरानी खुद स्पेशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने की। उन्होंने बताया कि इस अभियान में
-
66 गजटेड अधिकारी,
-
900 से अधिक पुलिस कर्मी,
-
और 150 से ज्यादा पुलिस टीमों ने हिस्सा लिया।
पूरे दिन चले इस ऑपरेशन में 364 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की गई और नशा तस्करों के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
अभियान का उद्देश्य
‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम का मुख्य उद्देश्य पंजाब को नशामुक्त बनाना है। यह अभियान पूरे राज्य में तेज़ी से चल रहा है और पुलिस हर दिन नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। सरकार और प्रशासन मिलकर राज्य को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
जनता से अपील
पंजाब पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी नशे का व्यापार या तस्करी होती दिखे, तो वे तुरंत पुलिस को सूचना दें। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम के तहत पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार और पुलिस मिलकर इस बुराई को जड़ से खत्म करने में जुटे हुए हैं। हर दिन हो रही गिरफ्तारियों और बरामदगी से यह स्पष्ट है कि नशे के सौदागरों के लिए अब पंजाब में कोई जगह नहीं बची है।