
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति का असर अब वैश्विक बाजारों पर साफ़ दिखाई देने लगा है। इस वजह से मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों में अनिश्चितता के कारण सोने और चांदी की मांग में थोड़ी कमी आई है, जिससे कीमतें नीचे आईं।
सोने और चांदी की नई कीमतें
गुड रिटर्न्स वेबसाइट के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत में 10 रुपए की गिरावट आई है। अब 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 90,370 रुपए में मिल रहा है। वहीं चांदी की कीमत में 100 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है और अब यह 93,900 रुपए प्रति किलो हो गई है।
22 कैरेट सोने की कीमत भी 10 रुपए कम होकर 82,840 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है। दिल्ली में 24 कैरेट सोना अब 90,520 रुपए में बिक रहा है, जबकि 22 कैरेट की दर 82,990 रुपए है।
मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में भी 22 कैरेट सोने की कीमत लगभग 82,840 रुपए और 24 कैरेट की कीमत 90,370 रुपए है।
ग्लोबल फैक्टर्स का असर
इस गिरावट के पीछे बड़ा कारण है ट्रंप की टैरिफ नीति, जिससे विश्व बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत 88,000 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी। वहीं चांदी की कीमत 88,698 रुपए प्रति किलो थी।
इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के मुताबिक, 7 अप्रैल को 24 कैरेट सोने की कीमत 88,170 रुपए और चांदी की कीमत 80,823 रुपए थी।
उत्पादन और स्टॉक में बढ़ोतरी
सोने के उत्पादन में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। साल 2024 की दूसरी तिमाही में सोने की माइनिंग से लाभ 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है। विश्व भर में सोने का कुल भंडार 9% बढ़कर 2,16,265 टन हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज़्यादा सोने का उत्पादन किया है और रीसाइक्लिंग के ज़रिए भी सोने की सप्लाई बढ़ी है। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और मज़बूती मिली है।
सेंट्रल बैंकों की भूमिका
2023 में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने कुल 1,045 टन सोना खरीदा था। लेकिन अब World Gold Council के सर्वे के अनुसार, 71 सेंट्रल बैंक या तो अपने सोने के भंडार को स्थिर रखने या उसे घटाने की योजना बना रहे हैं। इससे मांग में थोड़ी गिरावट आने की संभावना है।
निवेशकों के लिए संकेत
2024 में सोने के क्षेत्र में 32% की बढ़त की उम्मीद जताई गई है। इससे पता चलता है कि सोने का बाजार अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है। इसके साथ ही सोने से जुड़ी ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो बताता है कि निवेशक अभी भी सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं।
फिलहाल सोने और चांदी की कीमतों में आई यह गिरावट अस्थायी मानी जा रही है, लेकिन वैश्विक व्यापार नीतियों, उत्पादन और केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर आने वाले समय में इसकी दिशा तय होगी। निवेशकों को सतर्क रहकर आगे की चाल सोचनी चाहिए, क्योंकि बाजार में अब भी उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है।