
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। ट्रम्प प्रशासन ने कई भारतीय छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए हैं और उन्हें जल्द से जल्द अमेरिका छोड़ने का आदेश दिया है। छात्रों को यह जानकारी ईमेल के जरिए भेजी गई, जिसमें साफ तौर पर धमकी दी गई कि अगर वे खुद से देश नहीं छोड़ेंगे तो उन्हें जबरदस्ती निकाल दिया जाएगा।
टैरिफ युद्ध के बीच छात्रों पर शिकंजा
दुनियाभर में अमेरिका और दूसरे देशों के बीच टैरिफ युद्ध यानी आयात शुल्क को लेकर तनातनी चल रही है। इस बीच ट्रम्प सरकार ने अब विदेशी छात्रों, खासकर भारतीयों के खिलाफ सख्त रवैया अपना लिया है। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब पहले ही वैश्विक माहौल अस्थिर है और छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं।
छात्रों पर लगे गंभीर आरोप
अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा भेजे गए ईमेल में कुछ छात्रों पर नशे में वाहन चलाने, चोरी करने और अनुशासनहीनता जैसे आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, इनमें से कई छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें अमेरिकी अदालतों ने निर्दोष करार दिया है। बावजूद इसके, ट्रम्प प्रशासन ने उनके वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें अमेरिका छोड़ने को कहा है।
सोशल मीडिया पर भी नजर
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ऐलान किया था कि वीज़ा आवेदन करने वालों के सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की जाएगी। इसके पीछे मकसद था ऐसे लोगों को अमेरिका में आने से रोकना जिन्होंने सोशल मीडिया पर कभी भी अमेरिका या इज़रायल की आलोचना की हो। यह नियम सिर्फ नए वीज़ा आवेदकों पर ही नहीं, बल्कि अमेरिका में पहले से पढ़ रहे विदेशी छात्रों पर भी लागू किया गया है।
फिलिस्तीन के समर्थन पर कार्रवाई
अमेरिकी मीडिया में यह दावा किया गया है कि ऐसे कई छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है जो सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर फिलिस्तीन का समर्थन कर चुके हैं या ट्रम्प सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर चुके हैं। यही वजह है कि छात्रों को बिना किसी ठोस कानूनी आधार के देश छोड़ने का फरमान सुना दिया गया।
छात्रों में बढ़ रहा डर और गुस्सा
अमेरिका में पढ़ रहे कई भारतीय छात्र भय और चिंता में जी रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने लाखों रुपए खर्च कर यहां पढ़ाई शुरू की है और अब सरकार उन्हें बीच में ही वापस भेज रही है। इससे न सिर्फ उनका करियर दांव पर लग गया है बल्कि मानसिक तनाव भी काफी बढ़ गया है।
क्या बोले छात्र?
कुछ छात्रों ने कहा कि सरकार की यह नीति अनुचित और पक्षपातपूर्ण है। वे पढ़ाई पूरी करने आए थे, किसी अपराध के लिए नहीं। छात्रों का यह भी कहना है कि अगर इस तरह बिना जांच के वीजा रद्द किए जाते रहे, तो शिक्षा के लिए अमेरिका की छवि पूरी दुनिया में खराब हो जाएगी।
ट्रंप सरकार की नई नीतियों के चलते विदेशी छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। खासतौर पर भारतीय छात्रों को लेकर जो रवैया अपनाया गया है, उससे साफ है कि पढ़ाई के साथ अब उन्हें असुरक्षा की भावना भी झेलनी पड़ रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बहस और दबाव बढ़ सकता है।