कनाडा में विपक्षी नेता पीएर पोइलीवरे की कड़ी चेतावनी – नफरत फैलाने वाले विदेशी होंगे देश से बाहर

कनाडा की राजनीति में इन दिनों एक अहम मुद्दा छाया हुआ है – देश में बढ़ रही नफरत और धर्म आधारित हिंसा को लेकर विपक्षी कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पीएर पोइलीवरे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जो विदेशी नागरिक कनाडा में आकर अपराध या नफरत फैलाते हैं, उन्हें देश से तुरंत बाहर निकाल दिया जाएगा।
शनिवार को ओटावा के एक चुनाव क्षेत्र में प्रचार करते हुए पोइलीवरे ने मीडिया से बात की और कहा कि सरकार बनने पर वे नफरत फैलाने वाले प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून लाएंगे। उन्होंने खास तौर पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों को निशाना बनाया, जिन्हें उन्होंने “नफरत मार्च” कहा और आरोप लगाया कि इससे कनाडा में यहूदी विरोधी भावना बढ़ रही है।
उनका कहना था, “जो भी व्यक्ति वीजा पर कनाडा में है और अगर वो कानून तोड़ता है या किसी धार्मिक या जातीय समुदाय के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसे तुरंत देश से निकाल दिया जाएगा।”
यह बयान उस वक्त आया है जब मौजूदा प्रधानमंत्री और लिबरल नेता मार्क कारनी ओटावा से चुनाव लड़ रहे हैं। हाल ही में कारनी ने गाजा युद्ध को लेकर इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी, जिससे इज़राइली सरकार में नाराजगी देखी गई।
पोइलीवरे की यह सख्त भाषा ऐसे समय में सामने आई है जब कनाडा में यहूदी विरोधी घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। कनाडा की यहूदी संस्था ‘बनाई ब्रिथ’ की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में यहूदी-विरोधी घटनाओं की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है।
विशेषकर 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमास द्वारा किए गए हमले के बाद, कनाडा के बड़े शहरों – मॉन्ट्रियल, टोरंटो और वैंकूवर में यहूदी स्कूलों और धार्मिक स्थलों पर हमले हुए। कहीं आगजनी हुई, तो कहीं गोलीबारी की घटनाएं दर्ज हुईं। इससे पूरे देश में चिंता का माहौल है।
पोइलीवरे ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारें इस प्रकार की घटनाओं पर सख्ती से काबू करें और ऐसा माहौल न बनने दें, जहां कोई व्यक्ति धर्म या नस्ल के आधार पर डर का सामना करे। उन्होंने यह भी साफ किया कि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से दूरी बनाए रखेंगे क्योंकि ट्रंप की आर्थिक नीतियों और कनाडा को धमकाने की रणनीति ने कनाडाई जनता को नाराज किया है।
उनका कहना था कि कनाडा में सभी नागरिकों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति से हों। परंतु अगर कोई विदेशी नागरिक कनाडा की शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कनाडा में जहां एक ओर आज़ादी और समानता को महत्व दिया जाता है, वहीं अब नेताओं की यह कोशिश है कि देश की इन बुनियादी मूल्यों को किसी भी हाल में कमजोर न होने दिया जाए। पीएर पोइलीवरे के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में कनाडा में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कानून और कड़े हो सकते हैं।