
सरकार ने यात्रियों को टोल प्लाजा की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एक नई टोल नीति तैयार की है, जिसे जल्द ही लागू किया जा सकता है। इस नीति के तहत आम लोगों को टोल चार्ज में 50% तक की छूट मिलेगी। साथ ही, एक साल के लिए सिर्फ 3000 रुपये में “अनलिमिटेड टोल पास” की सुविधा शुरू की जा रही है। यह पास देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और राज्यों के एक्सप्रेसवे पर मान्य होगा। अब अलग-अलग राज्यों के लिए अलग पास लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक पास से पूरे भारत में सफर!
क्या है नई टोल नीति की खास बातें?
- 3000 रुपये का सालाना पास:
- यह पास खरीदने वालों को असीमित किलोमीटर तक यात्रा की छूट मिलेगी।
- किसी भी टोल प्लाजा पर अतिरिक्त फीस नहीं देनी होगी।
- पास का भुगतान फास्टैग खाते से लिंक करके ऑटो-डेबिट किया जा सकेगा।
- टोल गेट होंगे खत्म:
- नई नीति में एक निर्धारित समय सीमा के अंदर टोल गेट्स को हटाने का फैसला किया गया है।
- इसकी जगह बिना रुकावट वाली इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग (FASTag) को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यातायात का प्रवाह तेज होगा।
- टोल चुकाने में चूक होने पर क्या होगा?
- अगर कोई वाहन बिना टोल चुकाए हाईवे से निकल जाता है, तो बैंकों को ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे।
- बैंक FASTag खाते से पैसे काट सकेंगे या भारी जुर्माना लगा सकेंगे।
- सरकार ने इसके लिए एक ऑटोमैटिक पेमेंट सिस्टम बनाया है, जो 98% तक सटीकता के साथ काम करता है।
पायलट प्रोजेक्ट्स ने दिखाई सफलता!
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर इस नीति के तीन पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए थे, जिनके नतीजे बेहद सकारात्मक रहे। इनमें पाया गया कि:
- यात्रियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत 90% तक कम हुई।
- ट्रैफिक जाम की समस्या में भारी कमी आई।
- FASTag के इस्तेमाल से समय और ईंधन की बचत हुई।
ठेकेदारों और कंपनियों के सवालों का हल
नई नीति पर कुछ ठेकेदारों और टोल ऑपरेटर्स ने चिंता जताई थी कि इससे उन्हें नुकसान होगा। इसका समाधान करते हुए सरकार ने तय किया है कि:
- ठेकेदार डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर सरकार से मुआवजा ले सकेंगे।
- सरकार एक फॉर्मूले के तहत उनके वास्तविक टोल कलेक्शन और अनुमानित कलेक्शन के बीच के अंतर की भरपाई करेगी।
- इससे ठेकेदारों को नुकसान नहीं होगा और नई व्यवस्था को लागू करने में आसानी होगी।
कब और कहाँ से शुरू होगी यह नीति?
- नई टोल नीति का पहला चरण दिल्ली-जयपुर हाईवे से शुरू होने की संभावना है।
- शुरुआत में यह भारी वाहनों (जैसे ट्रक और टैंकर) और खतरनाक सामान ढोने वाले वाहनों पर लागू होगी।
- धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
आम आदमी को कैसे मिलेगा फायदा?
- कम खर्च: सालाना 3000 रुपये के पास से परिवार और व्यापारियों को लंबी यात्राओं पर हजारों रुपये की बचत होगी।
- समय की बचत: बिना रुके सफर से यात्रा का समय कम होगा।
- पारदर्शिता: FASTag और डिजिटल सिस्टम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
भविष्य की योजनाएं
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले 2-3 सालों में पूरे देश से टोल गेट्स हटा दिए जाएं और सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग सिस्टम रह जाए। इससे न सिर्फ सड़कें स्मार्ट बनेंगी, बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी।
इस नई नीति को “सबका साथ, सबका विकास” के विजन के तहत तैयार किया गया है। यह न सिर्फ आम लोगों के लिए राहत लाएगी, बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करेगी। अब देखना है कि यह योजना जमीन पर कितनी सफल होती है!