
गुजरात में साल 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस सिलसिले में पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक को गुजरात का सह-प्रभारी नियुक्त किया है। लेकिन जैसे ही यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई, उसी दिन CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने उनके घर छापा मार दिया।
इस छापेमारी ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है और AAP नेताओं ने इसे बीजेपी की राजनीतिक साजिश करार दिया है। दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और वरिष्ठ मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस छापे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
“CBI की रेड कोई संयोग नहीं” – मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर पर CBI रेड हो गई! यह कोई संयोग नहीं है, यह बीजेपी की घबराहट का नतीजा है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब केवल AAP ही उन्हें सीधी चुनौती दे सकती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह छापा राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है और इसकी आड़ में आम आदमी पार्टी को कमजोर करने की साजिश हो रही है।
आतिशी बोलीं – “AAP से डर गई बीजेपी”
दिल्ली सरकार की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा,
“जैसे ही आम आदमी पार्टी ने गुजरात चुनाव की तैयारी शुरू की, CBI ने दुर्गेश पाठक के घर रेड कर दी। इससे साफ है कि बीजेपी डर गई है। उन्हें पता है कि AAP ही गुजरात में बदलाव ला सकती है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह छापा AAP को डराने और दबाने की कोशिश है, लेकिन पार्टी पीछे हटने वाली नहीं है।
सौरभ भारद्वाज का आरोप – “CBI का इस्तेमाल बदले की राजनीति के लिए”
AAP के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे पहले भी जब पार्टी ने गुजरात में ताकत दिखाई थी, तब भी बीजेपी की केंद्र सरकार ने AAP के कई नेताओं को निशाना बनाया था।
“अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो CBI ने उसी दिन छापा मार दिया। ये महज इत्तेफाक नहीं है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने के लिए किया जा रहा है।
CBI की कार्रवाई पर सवाल
AAP के नेताओं का कहना है कि CBI की कार्रवाई का कोई ठोस आधार अभी तक सामने नहीं आया है। दुर्गेश पाठक या उनकी टीम की ओर से भी इस रेड को लेकर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
गुजरात में AAP का बढ़ता प्रभाव
AAP के नेताओं का मानना है कि गुजरात में लोग बदलाव चाहते हैं और आम आदमी पार्टी वहां एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी AAP ने कुछ क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था और अब पार्टी अगले चुनाव को लेकर पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर रही है।