
पंजाब के किसानों के लिए गर्मी की शुरुआत से पहले एक खुशखबरी आई है। जहां इस बार अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है, वहीं पंजाब सरकार ने ऐलान किया है कि इस साल धान की फसल के सीजन में बिजली की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पहले से ही सभी ज़रूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
यह जानकारी बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि इस बार धान के सीजन के दौरान लगभग 17,000 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ेगी और इसके लिए पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने पहले से ही सभी जरूरी प्रबंध कर लिए हैं।
किसानों को मिलेगी पूरी बिजली
मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह है कि किसानों को सिंचाई के लिए 24 घंटे बिजली मिले ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता बढ़ाई जा रही है और यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड न हो।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी तैयारी
गर्मी के मौसम में बिजली की खपत में भारी इजाफा होता है। इसे देखते हुए मंत्री ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को भी निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए एक रणनीति बनाई गई है ताकि गर्मियों के दौरान कोई बिजली कटौती न हो।
नए पावर प्लांट्स और सोलर एनर्जी पर फोकस
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि बठिंडा और गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट का सर्वे कराया जाएगा ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, PSPCL के पास जो अतिरिक्त जमीन उपलब्ध है, वहां सोलर पावर प्लांट लगाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
बिजली विभाग में नीतिगत बदलाव
मंत्री हरभजन सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली विभाग में कर्मचारियों की तबादला नीति भी तैयार की जाए ताकि कार्यप्रणाली और बेहतर बनाई जा सके। साथ ही, भविष्य की मांग को देखते हुए अभी से तैयारी शुरू करने को कहा गया ताकि अगले 10 सालों में बढ़ने वाली बिजली की मांग को पूरा किया जा सके।
कोयले की कोई कमी नहीं
मंत्री ने यह भी बताया कि थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की कोई कमी नहीं है और जरूरत पड़ने पर बिजली की बैंकिंग और केंद्रीय ग्रिड से सप्लाई के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। अप्रैल महीने के अंत में एक समीक्षा बैठक भी की जाएगी जिसमें तैयारियों का जायज़ा लिया जाएगा।
पंजाब सरकार का यह कदम किसानों और आम उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है। धान की खेती और गर्मी के मौसम दोनों ही बिजली की अधिक मांग करते हैं, ऐसे में सरकार की तैयारी और भरोसा किसानों के हित में एक सकारात्मक संदेश देता है।