
पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल के समय में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर बढ़ती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा को पुख्ता करने का फैसला किया है। अब पंजाब के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे।
पैस्को (PESCO) से मिलेंगे सुरक्षा गार्ड
ये सुरक्षा कर्मचारी पंजाब एक्स-सर्विसमैन कॉर्पोरेशन (PESCO) द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। इस फैसले की जानकारी एक अहम मीटिंग के बाद सामने आई, जिसमें पंजाब स्वास्थ्य विभाग के सचिव कुमार राहुल और पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज़ एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।
किन अस्पतालों में मिलेंगी 24 घंटे सुरक्षा?
मीटिंग में यह तय किया गया कि उन अस्पतालों में, जहां 24 घंटे एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) लिए जाते हैं, वहां दिन-रात सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे। इसके अलावा, सीएचसी (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) और ईएसआई (एम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस) अस्पतालों में सुबह की शिफ्ट में भी सुरक्षा गार्ड लगाए जाएंगे।
इस प्रस्ताव को अब वित्त विभाग के पास भेजा गया है और उम्मीद की जा रही है कि अगले 2 से 3 हफ्तों में इसे मंजूरी मिल जाएगी।
डॉक्टरों की मांगें हो रहीं पूरी
सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था ही नहीं, बल्कि मीटिंग में डॉक्टरों की कई पुरानी मांगों पर भी सहमति बनी।
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PG नीति (पोस्ट ग्रेजुएशन नीति) से जुड़े नए आदेश इस महीने के अंत तक जारी किए जाएंगे।
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2020 के बाद नियुक्त किए गए डॉक्टरों के लिए MACP (मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) और अन्य रुके सरकारी पत्र भी जल्द जारी किए जाएंगे।
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साथ ही इस साल 1000 नए MBBS डॉक्टरों की भर्ती का भी ऐलान किया गया।
छुट्टियों पर पुराने आदेश रद्द
मीटिंग में यह भी बताया गया कि SMO (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) और अन्य सीनियर अधिकारियों की छुट्टियों को लेकर हाल ही में जारी किए गए सख्त नियमों को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला डॉक्टरों के संगठन की लंबे समय से चली आ रही मांग के तहत लिया गया है।
हाल की हिंसा के बाद सख्त हुआ प्रशासन
हाल ही में मोहाली के डेराबस्सी और गुरदासपुर अस्पताल में डॉक्टरों पर हमले के मामले सामने आए थे। इसके बाद पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने डीजीपी गौरव यादव से मुलाकात की और अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और सरकारी व निजी अस्पतालों में PCR वैन तैनात की गईं और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा भी की गई।
पंजाब सरकार का यह कदम साफ दिखाता है कि अब वह डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। यह फैसला न केवल अस्पतालों के माहौल को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि डॉक्टरों का मनोबल भी बढ़ाएगा। डॉक्टरों के लिए यह राहत की खबर है और मरीजों के लिए विश्वास का प्रतीक कि वे एक सुरक्षित और संगठित सिस्टम में इलाज ले रहे हैं।