
सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों में जबरदस्त उथल-पुथल देखने को मिली है। पहले अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के चलते दामों में तेज गिरावट आई, लेकिन उसके बाद दाम उतनी ही तेजी से वापस भी बढ़े। इस उतार-चढ़ाव के बीच जिन लोगों ने सही समय पर निवेश किया, उन्हें सिर्फ सात कारोबारी दिनों में 7.84% का रिटर्न मिल चुका है – जो किसी भी बैंक की सालाना ब्याज दर से कहीं ज्यादा है।
क्या हुआ था?
2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की थी, जिसे 9 अप्रैल से लागू होना था। इस खबर के आने से पहले ही 2 अप्रैल को सोना अपने सबसे ऊंचे स्तर 93,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। लेकिन जैसे ही टैरिफ की खबर फैली, बाजार में घबराहट फैल गई और सोना 8 अप्रैल को 90,600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया।
लेकिन फिर क्या हुआ?
जब सरकार ने यह स्पष्ट किया कि टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है, तो बाजार में राहत की लहर दौड़ गई। निवेशकों ने फिर से सोने की खरीद शुरू कर दी, और देखते ही देखते सोने की कीमतों में तेज उछाल आया। 17 अप्रैल तक सोना 97,700 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया – यानी सिर्फ सात दिनों में 7,100 रुपये प्रति 10 ग्राम का उछाल।
निवेशकों को भारी मुनाफा
अगर 8 अप्रैल को किसी ने सोना खरीदा होता और 17 अप्रैल को उसे बेच दिया होता, तो उसे सिर्फ एक हफ्ते में लगभग 7.84 प्रतिशत का फायदा होता। यह रिटर्न किसी भी बैंक के एफडी या सेविंग अकाउंट से कई गुना ज्यादा है। इसी वजह से अब लोग जेवरात के बजाय बुलियन (सोने की ईंटें व सिक्के) खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है मांग?
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अक्षय तृतीया नजदीक आ रही है, जो 30 अप्रैल को है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है।
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शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो चुका है। मई-जून में जिनके यहां विवाह हैं, वे अभी से खरीदारी कर रहे हैं ताकि बाद में दाम बढ़ने पर ज्यादा खर्च न करना पड़े।
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निवेशक मानते हैं कि अगले कुछ दिनों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं, इसलिए वे अभी के रेट पर बुकिंग करवा रहे हैं।
क्या कर रहे हैं लोग?
लोग अब बिस्कुट (सोने की छोटी ईंटें) और सिक्कों की बुकिंग कर रहे हैं ताकि अक्षय तृतीया पर डिलीवरी ले सकें। बाजार में लगातार बढ़ रही डिमांड को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी छू सकता है।
सोने की कीमतों में हालिया तेजी से यह साफ हो गया है कि जब शेयर बाजार या अन्य निवेश विकल्प अस्थिर हों, तब सोना एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश बन जाता है। अमेरिकी टैरिफ के कारण शुरू हुआ यह उतार-चढ़ाव अब निवेशकों के लिए फायदे का सौदा बन चुका है, और आने वाले दिनों में सोने की कीमतें और ऊंचाई छू सकती हैं।