
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 दिनों की आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका और पेरू जा रही हैं। इस यात्रा के दौरान वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक, और G-20 जैसे बड़े मंचों की महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगी। वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह यात्रा भारत की वैश्विक आर्थिक नीतियों में भागीदारी और मजबूत सहयोग की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
अमेरिका में भरपूर गतिविधियां
वित्त मंत्री सीतारमण 20 अप्रैल को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को पहुंचेंगी। यहां वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हुवर इंस्टिट्यूशन में एक मुख्य भाषण देंगी। इसके बाद 22 से 25 अप्रैल तक वाशिंगटन डी.सी. में उनका कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा। इस दौरान वे IMF और विश्व बैंक की सालाना वसंत बैठक में भाग लेंगी।
इसके अलावा, वे G-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की दूसरी बैठक में भी हिस्सा लेंगी। साथ ही, विकास समिति की बैठक, IMF की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (IMFC) की बैठक और ग्लोबल सॉवरेन डेब्ट राउंडटेबल (GSDR) बैठक का भी हिस्सा होंगी।
प्रमुख देशों के नेताओं से मुलाकात
अमेरिका यात्रा के दौरान निर्मला सीतारमण अर्जेंटीना, बहरीन, जर्मनी, फ्रांस, लग्ज़मबर्ग, सऊदी अरब, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई देशों के वित्त मंत्रियों और समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी।
इसके अलावा वे यूरोपीय यूनियन के फाइनेंशियल सर्विसेज़ कमिश्नर, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के अध्यक्ष, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के प्रमुख और IMF के पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर से भी बातचीत करेंगी। इन बैठकों में निवेश, वैश्विक आर्थिक विकास और ऋण प्रबंधन जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।
टेक्नोलॉजी कंपनियों और निवेशकों से बातचीत
सैन फ्रांसिस्को प्रवास के दौरान वित्त मंत्री अमेरिका की कुछ शीर्ष IT कंपनियों के CEO से मुलाकात करेंगी। ये बैठकें द्विपक्षीय होंगी जिनमें भारत-अमेरिका टेक्नोलॉजी सहयोग, निवेश और रोजगार जैसे विषय शामिल होंगे। इसके अलावा वह प्रमुख निवेशकों के साथ गोलमेज बैठकें भी करेंगी, जिनमें दुनिया की जानी-मानी फंड मैनेजमेंट कंपनियों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।
पेरू में भी महत्वपूर्ण बैठकों का कार्यक्रम
अमेरिका के बाद सीतारमण पेरू जाएंगी, जहां वे राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते और प्रधानमंत्री गुस्तावो एड्रियनजेन से मुलाकात करेंगी। इसके साथ ही वे पेरू के वित्त, रक्षा, ऊर्जा और खनन मंत्रियों से भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगी।
इस यात्रा का उद्देश्य भारत और पेरू के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। साथ ही, भारत के वैश्विक प्रभाव को और विस्तार देने के लिए निवेश और रणनीतिक साझेदारियों को नई दिशा देना भी इस यात्रा का हिस्सा है।
निर्मला सीतारमण की यह यात्रा न केवल भारत के वैश्विक आर्थिक कूटनीति को मज़बूत करेगी, बल्कि भारत की छवि को एक मजबूत और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भी स्थापित करेगी। अमेरिका और पेरू जैसे देशों के साथ बढ़ते रिश्ते आने वाले समय में निवेश और सहयोग के नए द्वार खोल सकते हैं।