
24 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में सात दिनों से चल रही तेजी का सिलसिला टूट गया। इस दिन शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई और निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ा। बीएसई सेंसेक्स 315 अंक गिरकर 79,801 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 82 अंक फिसलकर 24,246 पर आ गया।
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और वैश्विक माहौल में हलचल को माना जा रहा है। खासतौर पर एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के खराब नतीजों ने बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाला। HUL के शेयरों में 4% तक की गिरावट देखी गई।
इसके अलावा, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे बड़े शेयरों में भी गिरावट आई, जिससे सेंसेक्स दबाव में रहा। रियल एस्टेट और एफएमसीजी जैसे सेक्टरों में 1% से ज्यादा की गिरावट रही, जिससे पूरे बाजार का मूड बिगड़ गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट एक तरह से बाजार की “ब्रेक” जैसी है, क्योंकि बीते सात दिनों में लगातार तेजी बनी हुई थी। गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे तनाव और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से लिए गए सख्त फैसलों को भी एक वजह माना जा रहा है। इन हालातों में निवेशक थोड़ा सतर्क हो गए हैं और मुनाफावसूली करने लगे हैं।
बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी करीब 0.30% की गिरावट दर्ज की गई और यह 55,201 के पास बंद हुआ। वहीं कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव देखा गया।
हालांकि बाजार के जानकार मानते हैं कि ये गिरावट अस्थायी है। विदेशी निवेशकों की खरीदारी और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने से बाजार में लंबी अवधि की तेजी बनी रह सकती है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये गिरावट एक हेल्दी करेक्शन है, जो बाजार को नई ऊंचाई तक ले जाने से पहले जरूरी होती है।
इसलिए निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराएं नहीं और सोच-समझकर निवेश करें। आगे आने वाले कारोबारी सत्रों में बाजार फिर से रफ्तार पकड़ सकता है।